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उच्च न्यायालय ने प्लास्टिक सामग्री पर प्रतिबंध लगाने के महाराष्ट्र सरकार के निर्णय

मुंबई
मुंबई उच्च न्यायालय ने प्लास्टिक सामग्री पर प्रतिबंध लगाने के महाराष्ट्र सरकार के निर्णय पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। इतना ही नहीं कोर्ट ने आदेश द‍िया क‍ि लोग प्‍लास्‍ट‍िक बैग और पॉलीथीन के स्‍टॉक को तीन महीने के अंदर खत्‍म कर दें। कोर्ट ने मुंबईकरों को 3 महीने की मोहलत देकर उन्‍हें प्‍लास्‍ट‍िक बैन में अपनी सहायता देने की अपील की। अदालत ने प्रतिबंध का विरोध करने वाली विभिन्न याचिकाओं पर अंतरिम निर्णय देते हुए कहा कि वह पर्यावरण पर प्लास्टिक कचरे के प्रतिकूल प्रभाव को नजरंदाज नहीं कर सकती। न्यायमूर्ति अभय एस ओक और न्यायमूर्ति रियाज छागला की एक खंडपीठ ने यह कहते हुए अधिसूचना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हर रोज 1200 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। इस मुद्दे पर अगली सुनवाई 8 जून को रखी गई है।
23 मार्च से लगी थी रोक
आपको बता दें क‍ि, 23 मार्च को राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी करके सभी तरह की प्लास्टिक सामग्री के उत्पादन, इस्तेमाल, बिक्री, वितरण और भंडारण पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसमें एक बार इस्तेमाल किए जाने वाले बैग, चम्मच, प्लेट, पीईटी और पीईटीई बोतल और थर्मोकोल की चीजें भी शामिल थीं। अधिसूचना में निर्माताओं, वितरकों और रिटेल व्यापारियों को प्रतिबंधित माल के वर्तमान भंडार के खत्म करने के लिए तीन महीने की अवधि प्रदान की गई थी। यद्यपि उपभोक्ताओं या उपयोगकर्ताओं को ऐसी चीजों को खत्म करने के लिए केवल एक महीने की अवधि प्रदान की गई थी।

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