मुंबई
शहर के विकास के लिए 10-20 हजार करोड़ नहीं, 2 लाख करोड़ रुपये! सही पढ़ा आपने। मुंबई के मंजूर हुए डिवेलपमेंट प्लान (डीपी) के बाद काफी बड़ी कीमत की जमीन को निर्माण कार्य के लिए खोल दिया गया है। वह जमीन, जो अब तक ‘नो डिवेलपमेंट जोन’ (एनडीजेड) में हुआ करती थी, डीपी में ऐसी 3,355 हेक्टेयर जमीन को परिवर्तित करके ‘स्पेशल डिवेलपमेंट जोन’ (एसडीजेड) में तब्दील कर दिया गया है। इसी एसडीजेड में एक-तिहाई हिस्सा सस्ते मकानों के लिए इस्तेमाल होगा, एक तिहाई जगह खुली जगह के रूप में रखी जाएगी और बाकी बची एक तिहाई जमीन का उपयोग जमीन मालिक खुद कर सकेगा। ऐसा आभास तो होता है कि दो-तिहाई जमीन मालिक छोड़ रहा है, मगर वास्तव में ऐसा नहीं है। इस ‘छोड़ी गई’ जमीन का एफएसआई भी वह अपने एक-तिहाई जमीन के टुकड़े पर इस्तेमाल कर सकेगा।
पंकज जोशी, आर्किटेक्ट ने बताया कि, ‘मिल जमीनों के समय भी सस्ते घरों के सपने दिखाए गए थे। इसीलिए इस बार ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।’ वरिष्ठ अधिकारी, बीएमसी का कहना है, ‘अब तक इन जमीनों पर बहुत थोड़ा ही निर्माण कार्य हो सकता था। लेकिन अब नए नियमों से यहां निर्माण कार्य में तेजी आएगी।’