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मुंबई के गोरेगांव में बनेंगे म्हाडा के क‍िफायती दरों के 7500 घर, 2022 तक बनकर होंगे तैयार

मुंबई
म्हाडा ने गोरेगांव में किफायती घर बनाने के लिए ठेकेदार नियुक्त करने के संदर्भ में निविदा मंगाई थी। गोरगांव पहाड़ी के पास 7500 किफायती घर बनाने का ठेका मंगलवार को बी.जी शिर्के कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया। जानकारी के अनुसार, परियोजना वर्ष 2022 तक पूरी कर ली जाएगी। इससे अधिक से अधिक लोगों का मुंबई में किफायती दामों पर घर लेने का सपना पूरा हो सकेगा। नवंबर 2017 में लिया था निर्णय
जरूरतमंद लोगों को घर देने के लिए म्हाडा ने गोरेगांव में 7,500 घर बनाने का निर्णय नवंबर, 2017 में लिया था। इस परियोजना में 70 प्रतिशत घर गरीबों के लिए आरक्षित होने की जानकारी म्हाडा ने दी थी। वास्तव में म्हाडा की वर्ष 2017 की मुंबई बोर्ड की लॉटरी में निम्न और अल्प आय वर्ग के घरों की संख्या बहुत कम थी। इस वजह से म्हाडा का मजाक उड़ाया गया था। इससे सबक लेते हुए म्हाडा ने गोरेगांव स्थित पहाड़ी इलाके में साल 2022 तक कुल 7,500 घर बनाने का फैसला लिया था।

26000 प्रति वर्गमीटर से दिया ठेका
म्हाडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिलिंद म्हैस्कर ने बताया कि निविदा के लिए बड़ी कंपनियों ने आवेदन किया था, लेकिन बी.जी शिर्के कंस्ट्रक्शन कंपनी ने आवेदन में सबसे कम रकम, करीब 1000 करोड़ रुपये दर्ज की थी। इसीलिए बी.जी शिर्के को यह ठेका दिया गया। जबकि एल ऐंड टी ने बेस रकम से 130 करोड़ रुपये अधिक दर्ज किए थे। बी.जी. शिर्के को प्रति वर्ग मीटर निर्माण कार्य के लिए 26000 रुपये की दर से यह ठेका दिया गया है।

कई बार बढ़ाई गई तिथि
म्हाडा द्वारा मंगाई गई निविदा की पहली तिथि पर परियोजना के लिए सिर्फ दो आवेदन ही मिले थे। इस वजह से निविदा खोली नहीं गई। अगली तिथि 24 अप्रैल 2018 पर भी यही स्थिति रही। इसके बाद तिथि बढ़ाकर 8 मई कर दी गई। लेकिन ठेका मंगलवार को दिया जा सका।

बीडीडी वर्ली चॉल के लिए ठेकेदार नियुक्त
मंगलवार को म्हाडा ने बीडीडी की वर्ली स्थित चालियों के पुनर्विकास का ठेका भी टाटा कंस्टोरियम और चाइना की कपैसिटी कंपनी के ज्वाइंट वेंचर को दिया है। बीडीडी चॉलियों में यह सबसे बड़ा इलाका है। यहां 121 चॉलें हैं। इस क्षेत्र के विकास पर करीब 10,700 करोड़ रुपये खर्च आएगा। यहां सबसे बड़ी 67 मंजिला इमारत बनाई जाएगी। यह काम 10 साल में पूरा होगा।

म्हाडा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा, ‘म्हाडा अब प्लानिंग अथॉरिटी है, इसलिए सभी परियोजनाओं का निर्माण कार्य तीव्र गति से होगा।’

ये है खास
-7500 घर 2022 तक बनाए जाने हैं

– म्हाडा प्लानिंग अथॉरिटी होने से काम में आएगी तेजी

– 80 प्रतिशत घर गरीबों के लिए आरक्षित

– प्रति वर्गमीटर निर्माणकार्य की लागत 26000 रुपये

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