मुंबई: कुछ दिन पहले मुंबई में हुए विमान क्रैश की घटना के बाद शिवसेना ने विमानों की आवाजाही को लेकर अध्ययन की मांग की है. शिवसेना ने शनिवार को कहा कि यहां भीड़भाड़ वाले उपनगरीय इलाके में दो दिन पहले एक विमान का दुर्घटनाग्रस्त होना निजी कंपनियों द्वारा विमानों के रख – रखाव को लेकर कई सवाल खड़े करता है. शिवसेना ने महानगर में विमानों की आवाजाही के संबंध में शहर के भूगोल और बढ़ती आबादी और जर्जर इमारत का अध्ययन कराने का भी सुझाव दिया है. शहर में देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है. हादसे में चालक दल के चार सदस्यों समेत पांच लोगों की मौत हुई थी. मरने वालों में दो पायलट और एक पैदल यात्री शामिल थे. यह हादसा उस वक्त हुआ जब 12 सीटों वाला चार्टर्ड विमान मंगलवार को उपनगरीय घाटकोपर में एक निर्माणाधीन इमारत से टकरा गया. शिवसेना ने कहा कि देश की वित्तीय राजधानी में खुले स्थान के अभाव ने आपात स्थिति में बड़े विमानों का सुरक्षित तरीके से उतरना मुश्किल बना दिया है. शिवसेना के मुखपत्र सामना ने अपने संपादकीय में कहा कि बीते दिनों घाटकोपर में दुर्घटनाग्रस्त होने वाला विमान छोटे आकार का था.
हालांकि , अगर बड़े विमान को आपात स्थिति में उतरना हो तो इसके लिये कहां खुला स्थान है. संपादकीय में कहा गया है कि अगर इस तरह के विमान के पायलट को खुला स्थान नहीं मिलता है तो भविष्य में इससे बड़ा हादसा हो सकता है. घाटकोपर हादसे को आने वाले खतरे के तौर पर देखा जाना चाहिए. लिहाजा, विमानों की आवाजाही और उनकी सुरक्षा के संबंध में मुंबई के भूगोल,बढ़ती आबादी, जर्जर और लंबी इमारतों का अध्ययन किये जाने की आवश्यकता है.