मुंबई
प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) और कोकण बोर्ड के विरार स्थित घरों की लॉटरी एक साथ निकालने की बात कोकण बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय लहाने ने कही है। पुणे बोर्ड के 3139 घरों के लॉटरी के परिणाम 30 जून को जारी किए गए। म्हाडा की इस लॉटरी में 36000 से अधिक लोगों ने आवेदन किया था। 6 माह में और 2000 घरों की लॉटरी
लॉटरी परिणाम के दौरान कोकण बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय लहाने ने कहा कि दिसंबर में म्हाडा के पुणे बोर्ड की एक और लॉटरी निकाली जाएगी। इस लॉटरी में 2000 घर होंगे। इन घरों में निजी बिल्डरों द्वारा बनाए गए घरों को भी शामिल किया जाएगा।
विरार में गरीबों के घरों की लॉटरी अगस्त में
लहाने ने बताया कि कोकण बोर्ड की लॉटरी का प्रचार 10 जुलाई से पहले शुरू कर दिया जाएगा। प्रचार के 45 दिन बाद लॉटरी के परिणाम घोषित करने की बात लहाने ने कही है। विरार में म्हाडा के कुल 3300 घर हैं, जिनकी लॉटरी निकाली जाएगी। सभी घर लोअर इनकम ग्रुप(एलआईजी) के हैं।
कुल 7300 घर उपलब्ध
कल्याण और दिवा के पास साथी ही वसई-विरार के निजी बिल्डरों के घरों को प्रधानमंत्री आवास योजना में शामिल करने प्रक्रिया चालू है। अब तक 4000 पीएमएवाई के घर लॉटरी में शामिल कर लिए गए हैं। सब सही रहा तो एक साथ ही कोकण और पीएमएवाई के घरों की लॉटरी निकाली जाएगी। विरार और पीएमएवाई के घरों को मिला दिया जाए तो ग्राहकों के लिए कुल 7300 घर उपलब्ध होंगे, जिनके लिए वह अपनी किस्मत आजमा सकेंगे।
सीएलएसएस सुविधा के बाद 20 लाख रुपये होगी कीमत
विरार में स्थित 3300 घरों का आकार एलआईजी समूह के घरों से बड़ा है। जानकारी के अनुसार, घरों का आकार 525 वर्ग फुट कार्पेट एरिया तक का है। इन घरों की कीमत म्हाडा लॉटरी में 20 से 22 लाख रुपये तक होगी।
‘अब नहीं रहना होगा किराए के घर में’
पुणे बोर्ड की लॉटरी में 7 बार अपनी किस्मत आजमा चुके लालजी बड़े को 8वीं बार में सफलता हाथ लगी। लॉटरी लगने के बाद उन्होंने कहा कि शहर में खुदका घर होना कितना जरूरी होता है। किराए के घर में लोग ताना ही मारते हैं, चाहे आप कितना भी बेहतर तरीके से व्यवहार रख लो। लेकिन अब हमें और हमारे परिवार को कोई ताना नहीं मार सकेगा, क्योंकि हमारे पास खुदका घर होगा। बड़े दिव्यांग हैं और उनके 2 छोटे बच्चे हैं। बड़े पेशे से पियून हैं।
‘बेटे के कदम ने दिलाया मकान’
म्हाडा का लॉटरी में पहली बाल पर ही छक्का लगाने वाले बनसोडे ने बताया कि उन्हें यह लॉटरी उनके बच्चे के जन्म के चलते मिली है। बनसोडे ने पहली लॉटरी में अंतिम तिथि पर आवेदन किया था और उन्हें लॉटरी लग गई। बनसोडे पुणे में एक किराए के मकान में रहते हैं, लेकिन अब उनके पास खुद की छत है।