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मुंबई की खस्ताहाल सड़कों की ओर ध्यान दिला रहा एक पिता का दर्द, मौतवाली जगह पर रखा बेटे का पसंदीदा खाना

मुंबई
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में आज भी तेज बारिश हो रही है। इस बीच मुंबई से कुछ तस्वीरें सामने आईं हैं, जो आपको रुला देंगी। ये तस्वीरें मुंबई की खस्ताहाल सड़कों की गवाह भी हैं, जो मौत को दावत दे रही हैं। वैसे तो यहां की बारिश बेहद खूबसूरत मानी जाती है, लेकिन सड़कों पर बने गड्ढों के कारण होनेवाली मौतों से अब लोगों को डर लगने लगा है। हर साल बारिश में खराब सड़कों और गड्ढों के कारण न जाने कितने लोग अपनी जान गंवा देते हैं। सोमवार को भी सड़क पर जलभराव की वजह से गड्ढे न दिखाई देने पर एक बाइक सवार ने संतुलन खो दिया। बाइक पर बैठी महिला गिर गई और पीछे से आ रही बस ने उसे कुचल दिया। इसी जगह पर ऐसी ही एक घटना 2 जून को भी हुई थी जब बाइक पर अपने पिता के साथ बैठा पांच साल का बच्चा गड्ढेवाली सड़क पर गिर गया और ट्रक के नीचे आ गया। सोमवार को बारिश के वक्त जब पिता ने उसी जगह पर अपने बेटे का पसंदीदा खाना दही-चावल रखा तो देखनेवालों की आंखों में आंसू आ गए। अपने मासूम बेटे को खो चुके पिता कहते हैं कि अगर समय रहते कदम उठाए गए होते तो कम से कम उस जगह पर गई और जानों को बचाया जा सकता था। आरव अठावले के पिता महेश की बाइक उस दिन शिवाजी चौक और सहजानंद चौक, कल्याण के बीच फिसल गई थी। उनके बेटे की मौत के बाद भी कोई ऐक्शन नहीं लिया गया। उसी जगह पर 6 जुलाई को केसी गांधी स्कील में काम करने वाली चपरासी मनीषा की मौत हो गई थी। महेश कहते हैं कि अगर केडीएमसी समय रहते जाग गई होती तो मनीषा की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने केडीएमसी से उस जगह की मरम्मत करने के लिए पत्र लिखा है ताकि कोई और किसी अपने को सड़क की भेंट चढ़ता न देखे।
सड़कों के गड्ढे मौत को दे रहे दावत
इससे पहले जनवरी में एक 12 साल के लड़के की कल्याण में मौत हो गई थी। जून में गोरेगांव ईस्ट में मेट्रो साइट पर बने गड्ढे में भरे बारिश के पानी में डूबने से एक चार साल की बच्ची की मौत हो गई थी। इसी तरह पिछले साल 29 अगस्त 2017 को हुई मूसलाधार बारिश में शहर के नामी डॉक्टर दीपक अमरापुरकर अपने घर से 1 किलोमीटर दूर खुले हुए मैनहोल में गिर गए थे। उनका शव वर्ली में मिला था।

चालक पर केस, ठेकेदार आजाद
सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास घानेकर बताते हैं कि आरव और मनीषा के साथ हुई घटनाओं में चालकों के खिलाफ लापरवाही का केस तो दर्ज कर लिया गया लेकिन सड़क बनाने वाले ठेकेदार के खिलाफ नहीं। कल्याण के महात्मा फुले पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर प्रदीप लोंधे कहते हैं कि वह मामले की जांच कर रहे हैं और अगर कुछ पाया जाता है तो ठेकेदार के खिलाफ भी केस दर्ज किया जाएगा।
‘खतरनाक सड़कें’ पार करने को मांगी पुलिस सिक्यॉरिटी
सड़कों की खस्ता हालत और बारिश में मौत का रास्ता बनने से परेशान 34 साल के एक स्टॉक ब्रोकर चिराग हरिया ने अनोखा कदम उठाया है। उन्होंने डोंबिवली से कल्याण काम पर जाने के लिए पुलिस सुरक्षा मांगी है। दरअसल, हरिया का ऑफिस जाने का रास्ता वहीं से होकर गुजरता है जहां आरव और मनीषा की मौत हुई। उन्होंने महात्मा फुले स्टेशन में रविवार को मांग की है कि उन्हें उस खतरनाक रास्ते को पार करने के लिए पुलिस सुरक्षा दी जाए। इसी तरह की मांग सामने आने पर हैरान पुलिसवालों ने उनका आवेदन डेप्युटी कमिश्नर ऑफ पुलिस को बढ़ा दिया है। वहां से कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने ट्वीट कर अपनी मांग सामने रखी। उन्होंने बताया, ‘सफर करने के लिए सड़कें बेहद खतरनाक हो गई हैं इसलिए मैंने यह मांग की है। मैं सिक्यॉरिटी के लिए पैसे देने को तैयार हूं। जब जलभराव होता है तब कोई समझ नहीं सकता कि गड्ढा कितना गहरा है और ऐसे में हादसे होते हैं।’

इंस्पेक्टर प्रदीप ने हरिया की सिक्यॉरिटी की मांग के बारे में जानकारी न होने की बात कही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि है कि वह किसी व्यक्ति को इसलिए सिक्यॉरिटी कैसे दे सकते हैं क्योंकि उसे गड्ढों से भरी सड़क पर चलने से डर लगता है।

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