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मुंबई में 500 करोड़ के भूखंड घोटाले का दोषी कौन?

मुंबई
जोगेश्वरी में 13,674 वर्ग मीटर का करीब 500 करोड़ रुपये का भूखंड हाथ से निकल जाने के बाद अब बीएमसी (बृहन्‍मुंबई महानगरपाल‍िका) ने दोषियों की तलाश शुरू की है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में बीएमसी के कुछ बड़े अधिकारियों का निलंबन तय माना जा रहा है, केवल जांच रिपोर्ट का इंतजार हो रहा है। सड़क और नाला सफाई में घोटाले के बाद अब भूखंड का घोटाले आने वाले दिनों में चर्चा में बना रह सकता है। बुधवार को इस मुद्दे पर स्थाई समिति में विशेष चर्चा होने के बाद अधिकारियों के खिलाफ ऐक्शन प्लान की भूमिका बनाई जा रही है। स्थायी समिति के अध्यक्ष यशवंत जाधव ने सेवानिवृत न्यायाधीश से जांच की मांग और सभी कागजात सील करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, संबंधित अधिकारियों को जांच तक निलंबित रखने को भी कहा गया है। हालांकि, विधि विभाग के खिलाफ जांच का दायरा नगरसेवकों के जोरदार हंगामे के बाद बढ़ाकर डिवेलपमेंट प्लान (डीपी) विभाग तक भी पहुंच गया है।

मैदान के लिए आरक्षित था प्लॉट
बीएमसी ने पिछले डीपी में जोगेश्वरी में दो प्लॉट अस्पताल और मनोरंजन मैदान के लिए आरक्षित किए थे। बीएमसी ने अपनी ओर से इसे कब्जे में करने की कोशिश नहीं की। इस बीच, इसके कथित मालिक ज्ञानप्रकाश शुक्ला ने इसे खरीदने का नोटिस बीएमसी को भेजा। नोटिस में तकनीकी गलती होने से मामला खींच गया, बीएमसी की ओर से खरीदारी का एक साल पूरा होने के बाद भी प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। समय बीतने के बाद बीएमसी को भूखंड की याद आई और फिर प्रशासन ने इसे अधिग्रहित करने की प्रक्रिया शुरू की। इस बीच, शुक्ला इस मामले को उच्च न्यायालय में ले गए। जहां बीएमसी को कानूनी आधार पर हार का मुंह देखना पड़ा।

कमिश्नर के आदेश से छेड़छाड़
बीएमसी की हार को सर्वोच्च न्यायालय में फिर चुनौती देने के कमिश्नर के आदेश में शब्दों के कथित छेड़छाड़ का मुद्दा भी सामने आया। कथित छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई। इस बीच, संबंधित बीएमसी स्टाफ की ट्रेन में मौत हो गई। काफी समय गंवाने के बाद सर्वोच्च न्यायालय में केस दायर किया गया, जहां समय पर बीएमसी की ओर से वकील ही नहीं पहुंचे, जिसके बाद वहां से भी बीएमसी को मुंह की खानी पड़ी। अब, प्रशासन इस पर फिर याचिका दायर करने का दावा कर रहा है। भूखंड के मूल मालिक को लेकर भी भ्रम की स्थिति कायम है।

पुलिस में मामला दर्ज
इस घोटाले के संबंध में बीएमसी कमिश्नर अजय मेहता और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस में मामला दर्ज किया गया। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम कांग्रेसी नगरसेवकों के साथ उपायुक्त (पुलिस) के पास पहुंचे थे। निरूपम ने कहा कि खुद को बचाने के लिए कमिश्नर छोटे अधिकारियों पर कार्रवाई कर रहे हैं। इस मामले में मेहता समेत सभी संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

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