गुरुग्राम के चर्चित प्रिंस मर्डर केस के आरोपी को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने राहत देने से इनकार कर दिया. बोर्ड ने आरोपी की जमानत नामंजूर कर दी. पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले को दोबारा जेजे बोर्ड के पास पुनर्विचार के लिए भेजा था. हरियाणा जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने प्रिंस हत्याकांड से जुड़ी तमाम दलीलों को फिर सुना और नाबालिग आरोपी की जमानत याचिका खारिज दी. दरअसल, इस मामले में आरोपी के परिजनों ने जे जे बोर्ड का फैसला आने के बाद पंजाब हरियाणा होईकोर्ट से आरोपी की जमानत के लिए गुहार लगाई थी.
उस याचिका पर संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने जेजे बोर्ड से उस फैसले पर भी पुनर्विचार करने के लिए कहा था. जिसमें जेजे बोर्ड ने हत्यारोपी पर बालिग की तरह मामला चलाने का आदेश जारी किया था. तब से लेकर अभी तक आरोपी की जमानत याचिकाएं कभी निचली अदालत से खारिज हुई तो कभी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी खारिज हुई.
बहरहाल, अब इस हत्याकांड के मामले में अगली सुनवाई 3 नवंबर से शुरू होगी. जिसमें की हत्यारोपी पर नाबालिग या फिर बालिग की तरह मुकदमा चलाया जाए, इस बात को लेकर जिरह की जाएगी.
गौरतलब है कि 8 सितंबर 2017 को दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में एक निजी स्कूल में 7 वर्षीय मासूम प्रिंस की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस मामले में स्थानीय पुलिस ने एक बस चालक को आरोपी बनाकर पेश किया था. लेकिन जांच जब सीबीआई को दी गई तो पूरा मामला बदल गया. निजी स्कूल का एक 16 वर्षीय छात्र ही इस मामले में आरोपी निकला.