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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस पर जमकर बरसे

नई दिल्ली : दिल्ली के रामलीला मैदान में बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे और आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस पर जमकर बरसे। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो कांग्रेस ने 12 सालों तक उन्हें परेशान किया, लेकिन उन्हें कानून पर और संस्थाओं पर भरोसा था। मोदी ने कांग्रेस पर देश की संवैधानिक संस्थाओं के अपमान का आरोप लगाया। बीजेपी कार्यकर्ताओं से चुनाव के लिए जी-जान से जुटने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह लड़ाई सल्तनत और संविधान में आस्था रखने वालों के बीच की है। एक तरफ वे हैं जो किसी भी तरह अपनी सल्तनत बचाने की जुगत में हैं और एक तरफ हम हैं जो संविधान के लिए लड़ते हैं। पीएम मोदी ने महागठबंधन को लेकर भी विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा। मोदी ने कहा कि कांग्रेस के विरोध में खड़ी हुई और एक-दूसरे का विरोध करने वाली पार्टियां आज एक व्यक्ति को हराने के लिए साथ आ रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की मानसिकता विकास के हर काम में बाधा पहुंचाने की है। उन्होंने कहा, ‘मेक इन इंडिया की बात हुई, जीएसटी की बात हुई, स्वच्छ भारत की बात हुई तो कांग्रेस विरोध करती है। कांग्रेस अपनी बैठकों में तो जीएसटी का समर्थन करती है लेकिन इसके लिए मध्य रात्रि को बुलाए गए संसद सत्र का बहिष्कार करती है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि वह खुद को देश की हर संस्था से ऊपर समझते हैं। पीएम ने कहा, ‘इन्हें कानून और संस्थाओं की भी परवाह नहीं। इन्होंने खुद को हमेशा देश की सर्वोच्च संस्थाओं से ऊपर माना है। उनकी परवाह नहीं करते- चाहे चुनाव आयोग हो, आरबीआई हो, जांच एजेंसियां हो या सुप्रीम कोर्ट हो।’ उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस अपने वकीलों के माध्यम से न्याय प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने की कोशिश कर रही है। सीजेआई को हटाने के लिए महाभियोग लाने की भी कोशिश की थी। कांग्रेस अयोध्या मामले का समाधान नहीं चाहती।’
कांग्रेस और विपक्ष पर हमला करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘ये वही लोग हैं जो देश के टुकड़े-टुकड़े करने वाले गैंग के साथ हैं। सर्जिकल स्ट्राइक को खून की दलाली कहने वाले यही लोग हैं। ये लोग संस्थाओं से किस तरह बर्ताव करते हैं, इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं।’ इसके बाद पीएम ने कुछ राज्यों में सीबीआई को प्रतिबंधित करने को लेकर विपक्ष पर हमला बोला। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल ने सीबीआई पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनको डर किस बात का लग रहा है। ऐसा क्या कारनामे किए कि उनकी नींद हराम हो गई है।’
नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र की यूपीए सरकार के दौरान एक भी एजेंसी ऐसी नहीं थी, जिसने मुझे न सताया हो। उन्होंने कहा, ‘मैं जब गुजरात का मुख्यमंत्री था तो 12 साल तक कांग्रेस और उसके रिमोट पर चलने वाले अफसरों और नेताओं ने हर तरह से मुझे परेशान करने का काम किया। उनकी एक भी एजेंसी ऐसी नहीं थी जिसने मुझे सताया नहीं। 2007 में तो कांग्रेस के एक बड़े नेता गुजरात आए और चुनाव सभा में दावा किया था कि मोदी कुछ समय में जेल चला जाएगा।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘यूपीए सरकार का एक मात्र अजेंडा था कि किसी भी तरह से मोदी को फंसाओ, अमित भाई को तो जेल में भी डाल दिया था। लेकिन हमने कभी ऐसा कोई नियम नहीं बनाया कि सीबीआई राज्य में न घुसे। हमें सत्य और कानून पर विश्वास था। दूसरी तरफ ये लोग हैं जो अपने काले कारनामों के खुलासों से डरे हुए हैं। कम से कम देश की अदालतों पर तो भरोसा रखो। आज सीबीआई स्वीकार नहीं है, कल दूसरी संस्था अस्वीकार होगी। आर्मी, सुप्रीम कोर्ट, सीएजी सब गलत। उनकी सल्तनत के अनुकूल जो भी नहीं होगा उसका वो विरोध करते हैं।’ पीएम ने कहा, ‘यह लड़ाई सल्तनत और संविधान में आस्था रखने वालों के बीच है। एक तरफ वे लोग हैं जो सल्तनत बचाने के लिए लड़ते हैं एक हम हैं जो संविधान के लिए लड़ते हैं।’ नैशनल हेरल्ड केस का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा, ‘नैशनल हेरल्ड केस वही केस है जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष, उनका परिवार और उनके कई साथी जमानत पर बाहर हैं। यह केस 2012 से यूपीए के समय से ही चल रहा है। कांग्रेस के नेता किस तरह जनता का धन हड़प लेते हैं, जमीन हथिया लेते हैं। यह केस यह बताता है। इस केस में इतनी सारी एजेंसियों ने समन और नोटिस दिए हुए हैं लेकिन कांग्रेस की फर्स्ट फैमिली ने उन्हें तवज्जों नहीं दी। वे नामदार हैं कैसे लोअर कोर्ट में आएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘यंग इंडिया केस में उन्हें 44 बार बुलाया गया, एक भी बार नहीं आए। 6 महीने में 6 बार मौका दिया गया, नहीं आए। वे अपनी कमाई, अपने रिटर्न, अपने इनकम टैक्स रिटर्न को जनता के बीच नहीं आने देते हैं। जमानत पर बाहर रहने वाले लोग जो किसी संस्थान का इज्जत नहीं करते, वे जनता का क्या करेंगे।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब जनता को तय करना है कि उसे कैसा प्रधानसेवक चाहिए। उन्होंने कहा, ‘आप कैसे सेवक को पसंद करते हैं? क्या ऐसे सेवक को पसंद करेंगे जो परिवार के एक-एक सदस्य को एक दूसरे के खिलाफ भड़काए? जो घर का सामान चोरी करे, पैसा चोरी करे और अपने परिवार और रिश्तेदारों में बांट दे? वह मोहल्ले के कुछ लोगों से मिलकर घर की मान-मर्यादा का अनादर करे? घर की में कोई समस्या हो तो वह 2-2, 3-3 महीने छुट्टी मनाने अज्ञात जगह पर चला जाए? जैसे आप अपने घर में सेवक चाहते हैं, वैसे ही तय करें कि देश का प्रधान सेवक कैसा हो। देश को रात-दिन कठोर परिश्रम करने वाला, नागरिकों की अपनेपन से सेवा करने वाला, ईमानदारी को उसूल मानने वाला, सबको एकजुट रखने वाला सेवक चाहिए या वो वाला चाहिए? देश तय करे, देश को कैसा सेवक चाहिए।’

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