मुंबई : अंडरवर्ल्ड से जुड़े बहुत से पंटरों को लगता है कि सामने वाले को उनका आपराधिक इतिहास पता नहीं है, इसलिए किसी को धमकाते वक्त वे या तो फोन पर ही अपना पूरा बैकग्राउंड बताने लगते हैं या दहशत फैलाने के लिए कोई दूसरा तरीका अपनाते हैं। अनिल बरोट ने मुंबई के एक व्यक्ति को अपना पूरा नाम बताया और कहा, ‘गूगल में मेरा प्रोफाइल चेक करो।’ जैसे ही अनिल बरोट के साथ छोटा राजन नाम जुड़ा देखा, सामने वाला डर गया और उसने मुंबई क्राइम ब्रांच में उसकी शिकायत कर दी। कांदिवली क्राइम ब्रांच के सीनियर इंस्पेक्टर चिमाजी आढव ने उसे उसके एक साथी रमेश नाडर के साथ मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। अनिल बरोट को साल, 2005 में उस केस में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें बाद में फरीद तनाशा, विक्की मल्होत्रा, डी. के राव सहित छोटा राजन के कई लोग पकड़े हुए थे। तनाशा वह शूटर है, जिसने नेपाल में दाऊद के सांसद दोस्त मिर्जा दिलशाद का मर्डर किया था और जो दाऊद को मारने के लिए भी पाकिस्तान कई बार हो आया था। जिस केस में तनाशा और अन्य लोग गिरफ्तार हुए थे, बरोट को उस केस में 4 साल 6 महीने की सजा हुई थी।
पैसे लौटाने में असमर्थ शिकायतकर्ता
जिस केस में उसकी मंगलवार को गिरफ्तारी हुई है, उसमें शिकायतकर्ता खुद तीन महीने जेल में रहने के बाद बाहर आया है। क्राइम ब्रांच का कहना है कि शिकायतकर्ता को एक महिला ने निवेश के लिए 50 लाख से ऊपर दिए थे लेकिन बाद में वह महिला को रकम लौटा नहीं पाया था। महिला को वह सिर्फ यही भरोसा देता रहा कि उसे कुछ आर्थिक दिक्कत हो गई है, इसलिए वह फिलहाल रकम दे नहीं पा रहा है। वह मामला कोर्ट भी गया और पुलिस स्टेशन भी गया और वह व्यक्ति करीब तीन महीने के लिए जेल में बंद रहा। उस केस में फैसला अभी भी कोर्ट में लंबित है।
महिला ने ली अनिल बरोट की मदद
इस बीच, शिकायतकर्ता जब जेल से बाहर आया, तो उसे निवेश के लिए रकम देने वाली महिला ने अपनी रकम वापसी के लिए कई लोगों से संपर्क किया। इनमें अनिल बरोट भी था। क्राइम ब्रांच का आरोप है कि बरोट के जब शिकायतकर्ता के पास लगातार धमकी भरे कॉल आने लगे, तो पहले तो उसने उसे इग्नोर करना शुरू कर दिया। बाद में जब वह गूगल में उसका प्रोफाइल देखने को कहने लगा, तो शिकायतकर्ता ने उसे ब्लॉक कर दिया। इसके बाद बरोट ने पता किया कि शिकायतकर्ता कहां-कहां जाता है। उसने वहां-वहां अपने लोग भेज दिए। शिकायतकर्ता को किडनैप करने की भी असफल कोशिश की गई। एसीपी अभय शास्त्री के निर्देश पर अंतत: बरोट के खिलाफ ट्रैप लगाया गया और मंगलवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।