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बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के बाद पार्टी को एक भी सीट नहीं मिलने से उपेक्षित महसूस कर रहे हैं रामदास आठवले

मुंबई/औरंगाबाद : महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए शिवसेना के साथ गठबंधन तो कर लिया है, लेकिन इससे अन्य सहयोगी दल खुद को दरकिनार महसूस कर रहे हैं। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) नेता रामदास आठवले इस गठबंधन में अपनी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिलने से उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। राज्यसभा सांसद और RPI नेता रामदास आठवले ने कहा, ‘मैं लंबे समय से शिवसेना और बीजेपी के गठबंधन पर जोर देता आ रहा हूं, लेकिन दोनों दलों ने आपस में सीटों के बंटवारे में मुझे बिल्कुल दरकिनार रखा। यह हतोत्साहित करने वाला है। मुझे लगता है कि बीजेपी के लिए मैं अब किसी मतलब का नहीं रहा। मैं एनडीए से अलग नहीं हो रहा हूं, लेकिन 25 फरवरी को आगे भविष्य के बारे में फैसला करुंगा।’
आठवले ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की बात को भी खारिज करते हुए कहा कि ऐसा करने से वह अपनी खुद की और पार्टी की पहचान को खो देंगे। रामदास आठवले दक्षिण मध्य मुंबई लोकसभा सीट से खुद लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन बीजेपी-शिवसेना गठबंधन में यह सीट शिवसेना के पास है। शिवसेना के राहुल शेवाले इस सीट से सांसद हैं। ऐसे में आठवले को मौका मिलना लगभग नामुमकिन है। अब आठवले बीजेपी को कोस रहे हैं।
गौरतलब है कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने शिवसेना से गठबंधन कर महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों का बंटवारा फाइनल कर लिया। दोनों पार्टियों ने 23 और 25 सीटें आपस में बांट ली हैं। इसके बाद बीजेपी के साथ महायुति में शामिल छोटी पार्टियों के नेता परेशान हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि ‘बड़ा भाई-छोटा भाई’ के बीच सीटों के बंटवारे के बाद उनके हाथ क्या आने वाला है।

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