मुंबई : जिस ओबेद रेडियोवाला को दो दिन पहले अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित करके लाया गया, वह दो-ढाई दशक पहले मुंबई में अंडरवर्ल्ड सरगना हुसैन बस्तरा के यहां ड्राइवर था। बाद में उसका दाऊद इब्राहिम ने मुंबई में मर्डर करवा दिया। अंडरवर्ल्ड नेटवर्क की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि हुसैन बस्तरा दाऊद के प्रतिद्वंद्वी गिरोह के लिए काम करता था। उसने दाऊद के परिवार की एक महिला को अपने यहां रखैल बनाकर रखा हुआ था। उस महिला के जरिए उसने डी कंपनी के बारे में अंदर की काफी जानकारी निकाली और प्रतिद्वंद्वी गिरोह के अलावा पुलिस को भी डी कंपनी की बहुत सी टिप्स दीं। उन दिनों डी कंपनी के काफी लोग जब मुंबई में एनकाउंटर में मारे गए, तो दाऊद को उस पर शक गया कि वह ही पुलिस को उसके गैंग के लोगों की जानकारी दे रहा है। इसके बाद दाऊद ने ब्यूटी पॉर्लर में काम करने वाली एक लड़की के जरिए उसके खिलाफ ट्रैप लगाया और उसका मर्डर करवा दिया।
हुसैन बस्तरा के यहां ओबेद रेडियोवाला का नियमित आना-जाना था। बाद में वह उसका ड्राइवर भी बन गया था। हुसैन बस्तरा की आपराधिक गतिविधियों का ओेबेद के पिता को पता था। इसीलिए वह अपने बेटे को उसकी गलत संगत से बचाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने किसी के जरिए उसका पासपोर्ट बनवाया और उसे अमेरिका भिजवा दिया। बाद में पता चला कि यह पासपोर्ट फर्जी बना। इसमें सरनेम में रेडियोवाला की जगह रेबिटवाला लिखा गया।
पिता ने इस डर में ओबेद रेडियोवाला को अमेरिका भिजवाया था, ताकि वह डॉन न बने, लेकिन ओबेद वहां जाकर भी अंडरवर्ल्ड गतिविधियों में शामिल रहा। दो-ढाई दशक पहले जब वह मुंबई में हुसैन बस्तरा के यहां ड्राइवर था, तो उन दिनों बस्तरा के यहां कई अंडरवर्ल्ड सरगना आते थे। इनमें एजाज लकड़ावाला व रवि पुजारी भी थे। वह इन दोनों से अमेरिका जाकर भी नियमित संपर्क में रहा। रवि पुजारी से ओबेद की दोस्ती का पता अमेरिका में रह रहे पंजाब के एक बिजनेसमैन चरणजीत सिंह उर्फ सुनील रनियाल उर्फ बिट्टू को पता था। बिट्टू को शाहरूख खान की फिल्म हैपी न्यू इयर के कुछ शो के ओवरसीज राइट्स चाहिए था। उसने ओबेद से कहा कि वह रवि पुजारी के जरिए फिल्म के फाइनेंसर अली मोरानी से दबाव डलवाए। बदले में वह ओबेद को शो से होने वाली कमाई का 20 प्रतिशत देगा। इसके बाद ओबेद ने रवि पुजारी से बात की। खुद बिट्टू से पुजारी की बात करवाई। बाद में बिट्टू और रवि पुजारी द्वारा मोरानी को फोन किए गए। मोरानी ने रवि पुजारी को यह कहकर टाल दिया कि यह फिल्म शाहरुख खान की कंपनी ने बनाई है, उसका इससे कोई लेना-देना नहीं है। इसके बाद ओबेद ने रवि पुजारी के कहने पर मुंबई में अपने भाई अनीस रेडियोवाला को शूटरों की व्यवस्था करने को कहा। उसी के बाद मोरानी के जूहू स्थित बंगले के बाहर साल 2014 में गोलियां चलवाई गई। बाद में शाहरुख खान के ऑफिस में भी फोन किया गया। महेश भट्ट की हत्या की साजिश भी उसी दौरान रची गई। खास बात यह है कि ओबेद रेडियोवाला के जिस भाई को हैपी न्यू ईयर फिल्म केस में गिरफ्तार किया गया, करीब 12 साल पहले उसने सिंगर हिमेश रेशामिया की हत्या की भी साजिश रची थी।
यूपी एसटीएफ ने 25 जुलाई 2007 को ओबेद रेडियोवाला के भाई अनीस मर्चेंट व इशरत, नामदेव और रहीम खान नामक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। अनीस ने साजिश बनाई थी कि जीटीवी पर तब प्रसारित होनेवाले म्यूजिक कॉन्टेस्ट सारेगामा में वह अपने किसी आदमी को प्रतियोगी बनाकर भेजेगा। हिमेश रेशमिया उस शो के कई जजों में से एक थे। साजिश थी कि उसी शो के दौरान रेशमिया को भून दिया जाएगा। लेकिन अनीस मर्चेंट ने इस साजिश के लिए जिस युवक को सेलेक्ट किया, उसका सारेगामा कॉन्टेस्ट में सेलेक्शन नहीं हो पाया। इस वजह से अनीस अपनी साजिश को अंजाम नहीं दे पाया था।