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मुंबई पुलिस ने आग से बचाई दो जिंदगियां

मुंबई : मलाड के बांगुर नगर थाने में कार्यरत पुलिस उपनिरीक्षक रमेश आंबेडकर बुजुर्ग भाई-बहन रणबीर और रणजीत के लिए शनिवार को फरिश्ता बनकर आए। मुंबई पुलिस के अधिकारी की हिम्मत की जहां साईं अमर सोसायटी वाले तारीफ कर रहे हैं, वहीं मुंबई पुलिस के आयुक्त ने भी अपने जवान की बहादुरी पर प्रशस्ति पत्र देकर हौसलाअफजाई की है। घटना शनिवार शाम की है, जब मलाड के बांगुर नगर थाने के तहत एवरशाइन नगर स्थित साईं अमर बिल्डिंग की पहली मंजिल पर अचानक आग लग गई। बिल्डिंग में ज्वलनशील वस्तु होने के कारण आग तेजी से फैलने लगी। इस बिल्डिंग की ऊपरी मंजिल पर स्थित एक फ्लैट में 67 वर्षीय रणबीर और उनके भाई 65 वर्षीय भाई रणजीत रहते हैं, जो आग की जद में आ गए थे। सोसायटी के लोगों ने बताया कि रणबीर कौर कमरे की खिड़की से मदद के लिए आवाज लगा रही थीं और वहां से बाहर निकलने की कोशिश भी कर रही थीं। लेकिन रणजीत को चलने की तकलीफ की वजह से वह उन्हें अकेला छोड़कर वहां से कहीं जा भी नहीं सकती थीं।

आग की लपटें देखकर उन्हें बचाने की किसी की हिम्मत नहीं हुई। हालांकि, इसकी सूचना किसी ने बांगुर नगर पुलिस को दे दी। खबर मिलते ही पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। उस दौरान रमेश आंबेडकर ने आग को फैलने से रोकने की बजाय बुजुर्ग भाई-बहनों की जान बचाने को अपना पहला कर्तव्य समझा। आंबेडकर आग की लपटों और तेज धुंए के गुबार से बचते हुए सीढ़िय़ों के जरिए उन दोनों लोगों तक जैसे-तैसे पहुंचे। लेकिन, रणबीर कौर भाई रणजीत सिंह को छोड़कर वहां से आना नहीं चाह रही थीं, जबकि आंबडेकर एक-एक कर दोनों को बचाना चाह रहे थे।

आखिरकार, रणबीर की जिद के आगे आंबेडकर की नहीं चली और उन्होंने चलने में असमर्थ रणजीत को कंधे पर उठा लिया, जबकि रणबीर का हाथ पकड़ पास वाली बिल्डिंग में सुरक्षित तरीके से दोनों को पहुंचा दिया। फिर स्वयं भी वहां से सकुशल उतर गए। दोनों बुजुर्गों की जान बचने और मौके पर अग्निशमन दल के पहुंच जाने से रहिवासीयों ने राहत की सांस ली।

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