मुंबई : कांग्रेस नेता राधाकृष्ण विखे पाटील का कहना है कि जब राहुल गांधी ने सुजय विखेपाटील को एनसीपी के चुनाव चिह्न पर लोकसभा चुनाव लड़ने की सलाह दी, तो वह उनके लिए बड़ा आघात था। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी उनके पीछे खड़ी नहीं रही है। कांग्रेस नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने अपने डॉक्टर बेटे सुजय को अहमदनगर लोकसभा चुनाव क्षेत्र से लड़ाने के लिए महाराष्ट्र से दिल्ली तक एक कर दिया था। उन्होंने दिल्ली से गुहार भी लगाई कि कांग्रेस अहमदनगर सीट एनसीपी से ले लें, क्योंकि एनसीपी वहां से लगातार चुनाव हार रही है। एनसीपी को यह बात समझाने के लिए राहुल गांधी से लेकर दिल्ली के कांग्रेस नेताओं ने कोई कोशिश नहीं की, उल्टे राहुल गांधी ने एनसीपी के चुनाव चिह्न पर सुजय को लड़ाने का सुझाव दिया।
अहमदनगर निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद राधाकृष्ण विखेपाटील ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपने दिल की बात रखी। उन्होंने कहा कि अहमदनगर से एनसीपी लगातार तीन बार हार चुकी है, इसलिए उन्हें इस सीट पर दावेदारी छोड़ देनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने जानबूझकर दावेदारी रखी ताकि विखेपाटील परिवार को लोकसभा का टिकट नहीं मिल सके।
उन्होंने कहा कि जब राहुल गांधी से वे सीट की चर्चा कर रहे थे, तब शरद पवार ने उनके पिता बालासाहेब विखेपाटील के खिलाफ अपमानजक बयान दिया, जो हमारे परिवार के मन पर चोट कर गया। तभी बेटे ने कांग्रेस छोड़ने का मन बनाया। उस वक्त भी कांग्रेस उनके साथ खड़ी नहीं रही। नेता प्रतिपक्ष पद से उनका इस्तीफा राहुल गांधी ने स्वीकार कर लिया है, ऐसा उन्हें बताया गया है। साढ़े चार साल तक बतौर नेता प्रतिपक्ष मैंने महाराष्ट्र के जनता की आवाज सदन से सड़क तक उठाई।
कांग्रेस नेता व महाराष्ट्र के प्रभारी मल्लिकार्जुन खडगे ने विखेपाटील के बारे में कहा कि पार्टी अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करेंगी। उन्होंने पार्टी के आदेशों का उल्लंघन किया है इसलिए पार्टी उन कार्रवाई करेगी।