मुंबई : शिवसेना की युवा इकाई युवा सेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के तौर पर पेश किए जाने की कोशिशों के करीब एक महीने बाद भारतीय जनता पार्टी ने अब एक सर्वे कराया ताकि विधानसभा चुनाव से पहले मौजूदा हालात के आधार पर संभावनाओं का आकलन किया जा सके। बीजेपी जानना चाहती है कि बीजेपी और शिवसेना के साथ-साथ या फिर अलग होकर चुनाव लड़ने और कांग्रेस-एनसीपी का गठबंधन होने से नतीजों पर क्या असर होगा।
एक सीनियर कैबिनेट मंत्री ने सर्वे के नतीजों के बारे में बताया है कि अगर बीजेपी अकेले चुनाव लड़ती है तो उसके लिए 288 में से 160 जीतना मुश्किल नहीं होगा। ऐसे में शिवसेना के हाथ 90 जबकि कांग्रेस-एनसीपी के हाथ 38 सीटें आ सकती हैं। अगर बीजेपी-शिवसेना साथ आती हैं और कांग्रेस-एनसीपी साथ, तो भगवा गठबंधन को 200 सीटें मिल सकती हैं और कांग्रेस-एनसीपी को 88। बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन और कांग्रेस-एनसीपी के अलग-अलग चुनाव लड़ने पर भगवा गठबंधन को 230 और एनसीपी, कांग्रेस को 58 सीटें मिल सकती हैं।
बीजेपी के मंत्री ने बताया, ‘हमें विश्वास है कि लोक साभा चुनाव के नतीजे दोहराए जाएंगे, बीजेपी सबसे ज्यादा सीटें हासिल करेगी।’ इसके लिए उन्होंने सीएम के प्रदर्शन को श्रेय दिया और साथ ही, एनसीपी के नेताओं के बीजेपी में शामिल होने को भी कारण बताया। बता दें कि कुछ वक्त पहले ही सीएम फडणवीस ने कहा था कि बीजेपी-शिवसेना एक साथ चुनाव लड़ेंगे। यह प्रस्ताव रखा गया है कि दोनों पार्टियां 135 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी और 18 सीटें छोटे दलों को दी जाएंगी।
बीजेपी नेता यह माना कि जब से शिवसेना की ओर से आदित्य ठाकरे को सीएम के तौर पर प्रॉजेक्ट किया गया है, तब से बीजेपी कैंप में खलबली है। उन्होंने यहां तक कहा, ‘चाहे कोई भी गठजोड़ हो, बीजेपी के लिए सेना से ज्यादा सीटें लाना चुनौती है, सिर्फ तभी सेना के पास सीएम पद पर दावा करने के लिए कोई आधार होगा। हमारे आकलन से यह मुश्किल नहीं होना चाहिए। ऐसे में सीएम की दावेदारी पर कोई खतरा नहीं है।’ माना जा रहा है कि सेना आदित्य को उपमुख्यमंत्री बनाने के लिए आगे कर सकती है।