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बाहर आईं तस्वीरों ने खोली जेलकर्मियों की पोल

जिस तिहाड़ को देश की सबसे महफूज़ और सबसे मज़बूत जेल होने का तमगा मिला है. उसी तिहाड़ जेल की ऊंची और पथरीली दीवारों को चीर कर कुछ आवाज, कुछ तस्वीरें और वीडियो बाहर आई हैं. ये तस्वीरें ये वीडियो ये आवाज़ शोर कर रहे हैं कि गलतफहमी मत पालो, तिहाड़ जेल भी यूपी की जेलों से कोई ज्यादा पीछे नहीं है. ऐशो-आराम की हर चीज यहां भी मौजूद है. पैसे फेंक कर तमाशा यहां भी देखे जा सकते हैं. सज़ा खरीद कर मज़ा यहां भी लूटा जा सकता है. तिहाड़ पर ये इल्ज़ाम भर नहीं है, बल्कि ये वो सच है जो खुद सरकारी महकमे ने ही उजागर किया है.
19 मोबाइल फोन, 13 मोबाइल चार्जर, 24 डेटा केबल, 10 ईयर फोन, 3 सिम, 4 मेमोरी कार्ड, 30 टैब्लेट, 7 बोतल शराब, 2 किलो तंबाकू, 2 हैंडमेड हीटर, 4 मेड इन कोलंबिया चाकू, ढाई हज़ार रुपये नकद, 52 सर्जिकल ब्लेड, 2 नुकीले हथियार और रस्सियां. ये सामान किसी अस्पताल या इलेक्ट्रोनिक्स की दुकान में रेड मारकर बरामद नहीं किए गए हैं. बल्कि ये देश की सबसे महफूज़ और सख्त जेल की कोख से बरामद हुए हैं.
पता नहीं क्यों कहा जाता है कि दिल्ली की तिहाड़ में बिना इजाज़त कोई परिंदा पर भी नहीं मार सकता. यहां तो पर क्या. कैदी वहां पूरा पिकनिक मना रहे हैं. इनके पास दर्जनों की तादाद में मोबाइल फोन हैं. उन्हें चार्ज करने वाले चार्जर और डेटा केबल हैं. ईयर फोन हैं. शराब की बोतलें हैं. और तो और साथी कैदियों को डराने के लिए विदेशी चाकू भी हैं. कुल मिलाकर तिहाड़ के कैदी जेल के नियम कानूनों की धज्जियां उड़ा रहे हैं.
वो भी तब, जब यहां अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन, गैंगस्टर नीरज बवानिया, हत्यारोपी मनु शर्मा, विकास, विशाल यादव और चंद्रा बंधु जैसे कैदी बंद हैं. जो ना सिर्फ जुर्म की दुनिया में अपना अलग मुकाम रखते हैं. बल्कि अंडरवर्ल्ड डॉन भी हैं. पेशेवर बदमाश भी हैं. सियासी रसूखवाले भी हैं. और तो और उन्नाव के रेप के आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर को भी यहीं बंद किया गया है. इन्हें इसलिए तिहाड़ जेल में बंद किया जाता है. क्योंकि किसी और जेल में इन्हें काबू करना आसान नहीं.
तिहाड़ जेल में ही निर्भया के आरोपी भी बंद हैं. इसी जेल में संसद हमले के दोषी अफज़ल गुरू को फांसी हुई. मगर यही वो जेल भी है जो सबसे ज़्यादा विवादों में रही है. मज़बूत, महफूज़ और सख्त जेल होने का तमगा मिलने के बावजूद यहां से कैदी भाग जाते हैं. निर्भया केस का आरोपी राम सिंह खुदकुशी कर लेता है. गैंगस्टर जेल के अंदर गैंगवार करते हैं. जेल में रहकर बाहर गैंग चलाते हैं. और तो और जेल में उनकी अय्याशियों के वीडियो सबसे ज़्यादा इसी जेल से बाहर आते हैं.
जेल की किलेनुमा सुरक्षा के दावों के बावजूद यहां पैसा और पावर के आगे सबकुछ छोटा पड़ जाता है. तिहाड़ की मजबूत दीवारें भी ताश के पत्तों की मानिंद कांपने लगती हैं. और ऐसे कांपती है कि जेल में बैठे-बैठे कैदी हर वो काम करते हैं, जिनकी उन्हें चाहत होती है, जिनकी उन्हें तलब होती है. फिर चाहे जेल में अय्याशी के सामान का आना-जाना हो. सलाखों में बैठे-बैठे फ़ाइव स्टार होटल जैसी ज़िंदगी जीना हो. जेल से धंधा चलाना हो या फिर जेल में बैठे-बैठे लाइज़निंग और फर्ज़ीवाड़े की दुकान चलाने की बात हो, तिहाड़ में सबकुछ मुमकिन है. सबकुछ मतलब सबकुछ.
अब आइये उस सवाल पर जो इस वक्त आपके मन में कौंध रहा है. आखिर जेल में ये इतना सामान पहुंचा कैसे. वो भी तिहाड़ जेल जैसी सख्त और महफूज़ जेल में. तो सुनिए तिहाड़ जेल के नियम कानून और सुरक्षा के मुताबिक कुछ भी अंदर ले जाना नामुमकिन है. मगर ये सब गोरखधंधा वहां चलता है. घर के भेदी यानी जेल प्रशासन की मदद से. जो कुछ तो लापहरवाही करते हैं और बहुत कुछ उनकी मिलीभगत से होता है. लेकिन जब जवाब देने की बारी आती है, तो तिहाड़ जेल प्रशासन कैमरे पर आने से ही बचने लगता है. और जवाब हर बार एक जैसा होता है. हम कार्रवाई कर रहे हैं.
ऐसी न जाने कितनी तस्वीरें है, जिसे देख कर आप सोच में पड़ जाएंगे कि इन्हें किसी शो रूम में बेचने के मकसद से यहां सजाया गया है या ये सब फर्ज़ीवाड़ तिहाड़ जेल के अंदर ही चल रहा था. रेड में बरामद चीज़ों की ये तस्वीरें 20 जून और 7 जुलाई की है. जब तिहाड़ प्रशासन ने जेल में छापेमारी करके खुद ही को हैरान कर लिया.

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