मुंबई : रिपब्लिकन पार्टी के नेता और केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि सरकारी रिकॉर्ड में जाति का उल्लेख करते वक्त दलित शब्द का पहले भी उपयोग नहीं होता था, ऐसे में सरकारी रिकॉर्ड में दलित शब्द पर प्रतिबंध लगाना ठीक है, लेकिन आम बोलचाल और मीडिया में दलित शब्द के उपयोग पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए। बुधवार को राज्य सरकार ने एक परिपत्र निकालकर दलित शब्द के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद आठवले ने यह मांग की। उन्होंने कहा कि दलित शब्द सैकड़ों सालों से जारी समाजिक असमानता की पीड़ा को दर्शाता है। ऐसे में हमने भारतीय दलित पैंथर संगठन की स्थापना की थी। बोलचाल में, भाषण में, समाचार पत्र, मीडिया में दलित शब्द के उपयोग पर प्रतिबंध ठीक नहीं है। व्यवहार में दलित शब्द होना चाहिए, जबकि सरकारी दस्तावेजों में पहले से ही अनुसूचित जाति शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है।