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मुंबई में एक साल में 65 प्रतिशत बढ़े सर्पदंश के मामले

मुंबई : अगर आपको लगता है कि सर्पदंश के मामले केवल ग्रामीण इलाकों में देखने को मिलते हैं, तो शायद आप भूल कर रहे हैं। मुंबई जैसे मेट्रो शहर में न केवल सर्पदंश के मामले देखने को मिल रहे, बल्कि पिछले एक साल में इसमें 65 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी हुई है। ताज्जुब की बात यह है कि मामलों में बढ़ोतरी के बावजूद इसके इलाज को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है। नतीजतन कई बार लोग न केवल देरी से इलाज के लिए आते हैं, बल्कि झाड़-फूंक के चक्कर में भी फंस जाते हैं। परेल स्थित हाफकिन इंस्टिट्यूट फॉर ट्रेनिंग, रिसर्च ऐंड टेस्टिंग से मिली जानकारी के अनुसार, 2017-18 में मुंबई में 259 सर्पदंश के मामले सामने आए थे, जो 2018-19 में 65 प्रतिशत बढ़कर 427 हो गए। इस दौरान राज्य में भी सांप काटने का शिकार होने वालों के मामले में बढ़ोतरी हुई है। हाफकिन की डायरेक्टर इंचार्ज डॉ. निशीगंधा नाइक ने कहा कि सर्पदंश के मामले पूरे देश में बढ़ रहे हैं। इससे महाराष्ट्र और मुंबई भी अछूता नहीं है। संभवत: महानगर में हो रहे डिवेलपमेंट कार्यों के कारण सर्पदंश के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। राहत की बात यह है कि मुंबई में जहरीले सांपों की प्रजाति कम पाई जाती है।

डॉ. निशीगंधा नाइक ने बताया कि पूरे देश में हर साल तकरीबन 3 लाख लोगों को सांप काटता है, इसमें से 50 हजार लोगों की मौत हो जाती है, जबकि तकरीबन 1.5 लाख लोग किसी तरह की अंग विकृति (डीफॉरमिटी) का शिकार हो जाते हैं। महाराष्ट्र जैसे राज्य में भी सांप का शिकार होने वाले एक चौथाई लोगों की मौत हो जाती है। इसका सबसे बड़ा कारण समय पर इलाज और दवा का न मिलना है। सर्पदंश का शिकार होने पर किसी भी हालत में शुरुआती दो घंटे में दवा का पहला डोज ले ही लेना चाहिए। मुंबई में पाए जाने वाले सर्प कोबरा, करेत, रसल वाइपर, रैट स्नेक, सैंड बोआ, अर्थ बोआ, अजगर इत्यादि हैं। मुंबई में सर्पदंश के बढ़ते मामलों के पीछे कई वजह है, लेकिन इनमें यहां होने वाली भारी बारिश, पेड़ों की कटाई और लगातार हो रहे कंस्ट्रक्शन के काम मुख्य हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश के कारण सांपों के बिल में पानी घुस जाता है और वे वहां से निकलकर सड़कों और रिहाइशी इलाकों में आ जाते हैं। वाइल्ड लाइफ के लिए काम करने वाले पवन शर्मा ने कहा कि यह सही है कि बारिश और पेड़ों की कटाई से मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन सर्पदंश का शिकार होने के पीछे मानव गलतियां बड़ी वजह है। अक्सर ऐसा होता है जब सांप को ठीक से न पकड़ने या उसे हैंडल कर पाने के कारण सांप काट लेते हैं। पर्यावरण के लिए काम करने वाले वनशक्ति के निदेशक स्टेलिन डी ने कहा कि मुंबई में पहले छोटे-छोटे ढेर सारे जंगल हुआ करते थे, जो अब लगभग पूरी तरह खत्म हो गए हैं। मुंबई का ग्रीन एरिया तेजी से खत्म हो रहा है, जिसके कारण वहां रहने वाले जीव-जंतु रिहाइशी इलाकों की तरफ आ रहे और इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं।

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