विरार : वसई-विरार शहर मनपा क्षेत्र में एक तरफ पानी की भारी कटौती की जा रही है। दूसरी ओर, मनपा की मुख्य पाइपलाइन से रोजाना लाखों लीटर पानी चोरी किया जाता है। चोरी का यह पानी बाद में टैंकरों में भरकर शहर में ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, टैंकर माफियाओं के साथ पानी की चोरी में मनपा के संबंधित विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं। वसई-विरार शहर मनपा क्षेत्र में पिछले कई साल से जनता पानी की किल्लत से जूझ रही है। हर बार चुनाव के समय राजनीतिक पार्टियां जनता को चौबीस घंटे पानी देने का वादा करती हैं, लेकिन चुनाव नतीजे आने के बाद स्थिति जस की तस हो जाती है। हालांकि, मनपा ने वसई-विरार में पानी देने का काम शुरू तो किया है, लेकिन अधिकतर क्षेत्रों में पानी अब तक नहीं पहुंचा है। लोगों को मजबूरन टैंकर या मिनरल वॉटर से ही प्यास बुझानी पड़ती है। शहर के कई इलाकों में छोटी पाइपलाइनों से स्लम इलाकों में रहने वाले लोग पानी चोरी करते नजर आते हैं।
विरार (पूर्व) के मुंबई-अहमदाबाद हाइवे स्थित भालीवली गांव के पास जंगल से निकलती सूर्या डैम की मुख्य पाइप लाइन से लाखों लीटर पानी चोरी कर टैंकरों में भर कर बेचा जाता जा रहा है। इसी तरह विरार फाटा, पेल्हार, वसई फाटा, धानिवबाग, नवजीवन, सातीवली, रिचर्ड कंपाउंड, वाकनपाडा, विरार (पूर्व) के भाटपाडा, कुंभारपाडा, चन्दनसार, गासकोपरी, कारगिल नगर, सहकार नगर, मोरेगांव, विजय नगर, संतोष भुवन, बिलाल पाडा, गौराईपाडा, वसई (पूर्व) में आचोले डोंगरी आदि जगहों पर पानी की चोरी की जाती है। कई जगहों पर पाइपलाइन से मोटर लगाकर पानी को खींचा जाता है। शहर में पानी कटौती की शिकायत संबंधित विभाग से करने पर अधिकारी ध्यान नहीं देते। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पानी चोरी के स्थान और चोरी करने वाले लोगों के बारे में विभागीय अधिकारियों को पता है। पर, अपने फायदे के लिए अधिकारी सब कुछ जानने के बाद भी अनजान बने रहते हैं।