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‘अंपायर्स से बहस’ पर बोले वीरेंदर सहवाग, धोनी पर 2-3 मैच का प्रतिबंध लगना चाहिए था

नई दिल्ली : इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 12वें सीजन के एक मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स (RR) के खिलाफ ‘नोबॉल’ फैसले को लेकर चेन्नै सुपर किंग्स (CSK) के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी मैदान पर उतर गए थे और फील्ड अंपायर्स से बहस भी की थी। इस गर्मागर्म बहस के बाद मैच रेफरी ने उन्हें आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी मानते हुए मैच फीस के पचास प्रतिशत का जुर्माना लगाया था, लेकिन कुछ सीनियर्स खिलाड़ी इस सजा से खुश नहीं हैं। पहले पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी सजा को मजाक बताया था अब वीरेंदर सहवाग ने कहा कि धोनी पर कम से कम दो या तीन मैच का निलंबन लगना चाहिए था। पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज ने हमारी सहयोगी स्पोर्ट्स साइट ‘क्रिकबज’ से इस बारे में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने धोनी के फैसले को गलत बताते हुए कहा, ‘मेरे ख्याल से धोनी को मैदान पर नहीं उतरना चाहिए था। वहां मैदान पर बल्लेबाज थे, जो अंपायर्स से नोबॉल पर चर्चा कर लेते।’
साथ ही उन्होंने धोनी को दी गई सजा को कम बताते हुए कहा, ‘इसके लिए धोनी पर दो या तीन मैच का प्रतिबंध लगना चाहिए था। इससे अंपायर्स की अहमियत पता चलती।’ इस दौरान उन्होंने कहा कि धोनी यदि भारतीय क्रिकेट टीम के लिए ऐसा करते तो मुझे खुशी होती। मैंने उन्हें टीम इंडिया के लिए इस तरह फील्ड में गुस्से होते नहीं देखा। मुझे लगता है कि वह चेन्नै की टीम के लिए ज्यादा भावुक हो गए।
बेदी ने ट्वीट किया, ‘मीडिया ने धोनी के कल रात मैदान के अंदर आने को अंपायरों के खिलाफ बेहद अपरिपक्व विरोध करार दिया है जिस पर मैं हैरान हूं। मेरे लिए यह अबूझ पहेली है कि खेल पत्रकार गलती करने वाले स्थापित सितारों के खिलाफ ईमानदार अभिव्यक्ति करने से क्यों बचते हैं।’
यह मामला राजस्थान के खिलाफ चेन्नै सुपर किंग्स की पारी के आखिरी ओवर से जुड़ा है। यहां एक नो-बॉल विवाद के चलते धोनी भी मैदान पर उतर आए। चेन्नै सुपर किंग्स को आखिरी ओवर में 18 रनों की जरूरत थी। ओवर की तीसरी गेंद पर धोनी बोल्ड हो गए। आखिरी तीन गेंदों पर चेन्नै को जीतने के लिए 8 रन चाहिए थे और मिशेल सैंटनर स्ट्राइक पर थे। स्ट्रोक्स ने एक फुल टॉस फेंकी। अंपायर उल्हास गांधे ने उसे नो-बॉल करार दिया लेकिन स्क्वेअर लेग पर खड़े अंपायर ब्रूस ऑक्सनफर्ड ने इस फैसले को पलट दिया। इसके बाद मैदान के बीच बहस शुरू हो गई। बल्लेबाज रविंद्र जडेजा और मिशेल सैंटनर भी इसमें शामिल हो गए। धोनी भी फील्ड में आ गए और वह अंपायर से बहस करने लगे। इसके बाद गेंद को सही पाया गया। हालांकि मिशेल सैंटनर के आखिरी बॉल पर लगाए गए छक्के ने चेन्नै सुपर किंग्स को जीत दिला दी।

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