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हेल्मेट नहीं पहनने वाले 5 लाख लोगों पर कार्रवाई

मुंबई : महाराष्ट्र में दुपहिया वाहन चलाते समय हेल्मेट नहीं पहनने वाले लगभग 5 लाख चालकों पर अब तक कार्रवाई की जा चुकी है। यह कार्रवाई जनवरी से अप्रैल 2019 के बीच हुई है। इनमें से 3 लाख, 39 हजार, 982 राज्य में और 1 लाख, 41 हजार, 730 लोगों पर मुंबई में कार्रवाई हुई है। इतनी बड़ी कार्रवाई का मतलब है कि सुरक्षा अभियान चलाने के बावजूद लोग हेल्मेट पहनने की प्रति सचेत नहीं हुए हैं।
वसूला गया 8 करोड़ का जुर्माना
पांच लाख लोगों पर की गई कार्रवाई में अब तक 8 करोड़, 32 लाख रुपये का जुर्माना वसूला जा चुका है। इस मामले में सूचना देते हुए परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने बताया कि बिना हेल्मेट दुपहिया वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई बढ़ा दी गई है। फिलहाल राज्य सरकार की ओर से हेल्मेट पहनने को लेकर नियम सख्त नहीं किए गए हैं। अभी केवल मौजूदा नियमों को अमल में लाने का जनता से निवेदन किया जा रहा है।
परिवहन समस्याओं को लेकर राज्यभर के अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि सड़क पर सतर्कता के लिए एक नया प्रस्ताव तैयार किया जाए। इस प्रस्ताव के अंतर्गत हर पांच वर्ष में एक बार 8 दिनों के लिए वाहन चालकों को आधुनिक तरीके से प्रशिक्षण दिया जाए। इसी तरह परिवहन विषय पर पूछे जाने वाले सवालों में बदलाव किया जाए। इसके लिए राज्य सरकार की स्वतंत्र इकाई शुरू की जाए, जिसका नाम ‘वाहन संशोधन एवं प्रशिक्षण संस्था’ किया जाए।
मुंबई और नागपुर से बीच समृद्धि महामार्ग तैयार किया जा रहा है। इस रूट पर सुरक्षा के लिए रास्ते के निर्माण के वक्त ही तकनीक का इस्तेमाल कर पहिए की जांच की व्यवस्था की जाए। इस महामार्ग पर गति की सीमा निर्धारित की गई है। इसी के अनुकूल वाहनों के टायर की डिजाइन भी होनी चाहिए। इसके लिए वाहन उत्पादक और टायर बनाने वाली कंपनियों से बात की जानी चाहिए। परिवहन मंत्री ने बताया कि दुर्घटनाओं के आंकड़ों से पता चलता है कि अधिकांश हादसे टायर फटने या पंक्चर होने से होते हैं।
गड्ढों से दुर्घटना होने पर ठेकेदार जिम्मेदार
सड़क पर गड्ढों की वजह से भी दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। ग्रामीण भाग में ओवरलोड ट्रकों या ट्रैक्टर के कारण सड़कों पर बोझ बढ़ता है। इसके अलावा खराब मटीरियल प्रयोग करने के कारण भी सड़कों पर गड्ढे बनने लगते हैं। सड़कों पर गड्ढों की वजह से यदि कोई दुर्घटना होती है, तो इसके लिए ठेकेदार या टोल वसूलने वाली कंपनी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति बिना नियम-कानून के मालवहन करता है, तो उसका लाइसेंस रद्द किया जाएगा।

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