गुवाहाटी : नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूर्वोत्तर भारत के तीन राज्यों असम, मेघालय और त्रिपुरा में तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। असम में स्कूलों और कॉलेजों को 22 दिसंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। सेना और पुलिस की तैनाती के बाद भी प्रदर्शनकारी लगातार कर्फ्यू का उल्लंघन कर रहे हैं। यहां तक कि उनपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का भी कोई असर नहीं पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को यात्रियों से भरी एक ट्रेन में आग लगाने का भी प्रयास किया। राज्य में पुलिस फायरिंग में अब तक 2 लोग मारे गए हैं और 9 अन्य घायल हो गए हैं। इस बीच प्रशासन ने डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू में सुबह 8 बजे से एक बजे तक ढील दी है। मेघालय में भी प्रदर्शनों का दौर जारी है। मेघालय और असम में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। इस बीच असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि राज्य में हिंसा के पीछे ऑल असम स्टूडेंट यूनियन और अन्य स्थानीय समूहों का हाथ नहीं है। हिंसा के पीछे ‘उन नकारात्मक ताकतों का हाथ है जो शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों में शामिल हो गए हैं।’ उन्होंने कहा कि हम इन नकारात्मक शक्तियों की पहचान कर रहे हैं। मेघालय में भी अनिश्चितकालीन कर्फ्यू के बीच प्रदर्शनों का दौर जारी है। गुरुवार को शिलॉन्ग में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बाजार इलाके में दुकानों को आग लगा दी।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आश्वासन के बाद त्रिपुरा में प्रदर्शनकारियों ने भले ही अपना विरोध खत्म कर दिया हो, लेकिन वहां भी इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद हैं। गुरुवार को आदिवासी बहुल इलाकों में तनाव बना रहा। अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में अभी भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। नागरिक संशोधन कानून के विरोध में हो रही हिंसा की वजह से फ्लाइट्स और रेल सेवाएं ठप होने से सैकड़ों लोग नॉर्थ ईस्ट के तमाम शहरों में फंस गए हैं। रेलवे के प्रवक्ता ने दिल्ली में कहा कि असम और त्रिपुरा आने-जाने वाली सभी यात्री ट्रेनों को निलंबित कर दिया। कई एयरलाइंस ने अपने फ्लाइट ऑपरेशन रोक दिए हैं। तमाम हाइवे बंद होने से लोग फ्लाइट्स और ट्रेन पकड़ने एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर पहुंचे तो वहां आगे जाने के लिए कोई साधन नहीं था। विभिन्न एयरलाइंस ने असम के कई शहरों की उड़ानें गुरुवार को रद्द कर दीं। विस्तारा एयरलाइंस ने कहा कि उसने सरकार की सलाह पर फ्लाइट्स रद्द की हैं। इसके अलावा इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइसजेट की फ्लाइट्स भी कैंसल कर दी गई हैं। गोएयर और एयरएशिया ने यात्रा की तारीख बदलने पर लगने वाली फीस को खत्म करने का ऐलान किया है। इंडिगो के प्रवक्ता ने कहा कि हम गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में अटके यात्रियों के लिए अभी राहत उड़ानें चला रहे हैं, जिसके किराये की अधिकतम सीमा स्थिर है। इंडिगो ने गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और जोरहाट की फ्लाइट्स के यात्रियों के लिए 13 दिसंबर तक टिकट रद्द करने या यात्रा की तिथि बदलने के लिए फीस खत्म कर दी है।
रेलवे के मीडिया डायरेक्टर ने बताया कि जो ट्रेनें रवाना हो चुकी हैं उनमें से कोई भी ट्रेन गुवाहाटी के आगे नहीं जा रही है। उन्होंने कहा, करीब 30 ट्रेनें जो नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे से नहीं लौट सकतीं, वे दिल्ली और देश के अन्य भागों से रद्द रहेंगी। उत्तरी रेलवे ने इस तरह की तीन ट्रेनों को रद्द किया है, जिनके यात्रा शुरू होने की तिथि 15, 16,17 दिसंबर है। डिब्रूगढ़ दिल्ली डीबीआरटी राजधानी एक्सप्रेस रद्द रहेगी। यह ट्रेन फिलहाल गुवाहाटी-डिब्रूगढ़ के बीच रद्द रहेगी। असम में कैब को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच बाराक घाटी के तीन बंगाली प्रभुत्व वाले जिलों का नजारा कुछ अलग है। वहां लोग इस विवादित विधेयक के पारित होने के बाद भारत की नागरिकता मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। बाराक घाटी के बंगाली प्रभुत्व वाले कछार, करीमगंज और हिलाकंडी जिलों में बांग्लादेश से आए हिन्दू प्रवासी रहते हैं। उन्होंने संसद द्वारा विधेयक पारित किए जाने पर खुशी जाहिर की और उम्मीद जताई कि अब उन्हें भारत की नागरिकता मिल जाएगी, जिसका वे अरसे से इंतजार कर रहे थे और वे बिना देश के नहीं रहेंगे। बराक घाटी में रहने वाले अधिकतर लोग धार्मिक अत्याचारों की वजह से बांग्लादेश से भागकर आए थे और भारत में शरण ली थी। करीमगंज में रहने वाले भोला ने कहा कि उन्हें बांग्लादेश के नोअखाली जिले के बेगमगंज का अपना घर छोड़ने को इसलिए मजबूर होना पड़ा और भारत में शरण लेनी पड़ी, क्योंकि उन पर अपनी बेटी की शादी मुस्लिम शख्स से करने का दबाव था और उन्होंने इससे इनकार कर दिया था।