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खतरनाक हुई वान्डरर्स की पिच, अंपायर्स ने रोका खेल

जोहानिसबर्ग
वान्डरर्स टेस्ट के रोमांचक मोड़ पर पहुंचने के बाद इस मैदान की पिच लगातार विवादों में घिरती जा रही है। मुश्किल हालात में भारतीय टीम ने भले ही अपनी पारी पूरी खेली हो, लेकिन साउथ अफ्रीका की टीम इन हालातों के आगे बेबस नजर आ रही है। मैच के 9वें ओवर में एक गेंद अफ्रीकी बल्लेबाज डीन एल्गर के हेल्मेट पर क्या लगी कि अंपायरों ने खेल रोक दिया। अंपायर अलीम डार और इयन गोल्ड ने मैच रेफरी को मैदान पर बुलाकर भारत के कैप्टन विराट कोहली से साथ पिच के हालात पर मंत्रणा की। अंपायर खतरनाक हो चुकी इस पिच पर खेल को आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं दिख रहे थे। इसके बाद मैच रेफरी ने दोनों टीमों के कप्तान और अंपायर्स इस मुद्दे पर चर्चे के लिए अपने रूप में मीटिंग के लिए बुला लिया।इस मैच में साउथ अफ्रीका की टीम को भारत ने जीत के लिए 241 का टारगेट दिया था। अफ्रीकी टीम खेल रोके जाने तक एक विकेट के नुकसान पर 17 रन जोड़ चुकी थी। विराट कोहली ने 8 ओवर बाद बोलिंग में पहला चेंज किया और बुमराह के ओवर की तीसरी गेंद ने उछाल ली और यह सीधे डीन एल्गर के हेल्मेट से जा टकराई। इस गेंद पर एल्गर असहज दिखे और हेल्मेट पहनने के बावजूद एल्गर के माथे पर कुछ चोट पहुंची। इसके तुरंत बाद उन्होंने अपने माथे पर आइस पैक लिया। इस बीच अंपायर्स ने खेल रोक दिया। इससे पहले एल्गर की उंगली पर भी भुवनेश्वर की एक गेंद लगी थी, तब भी उन्होंने आइस पैक लिया था।

जब साउथ अफ्रीका की पारी के दौरान बुमराह के घातक बाउंसर के बाद अंपायर्स ने खेल रोका, तो टीम इंडिया इस फैसले से नाखुश दिख रही थी। मैदान पर अंपायर्स और मैच रेफरी से बात करते हुए विराट कोहली खेल रोके जाने के पक्ष में नहीं दिख रहे थे। हालांकि बाद में मैच रेफरी ने अंपायरों और दोनों टीमों के कप्तानों को चर्चा के लिए अपने रूम में बुलाया। इस बैठक में क्या कुछ घटा अभी इसकी जानकारी मिलना बाकी है।

कई मौकों पर चोटिल हुए खिलाड़ी
ऐसा नहीं है कि यह पिच साउथ अफ्रीका की पारी में अचानक खतरनाक हो गई हो। इससे पहले मैच के तीसरे दिन की शुरुआत से ही इसके स्वभाव में परिवर्तन दिखा था। तब भी अंपायर्स ने खेल को जारी रखने को लेकर आपस में मंत्रणा की थी। आज भारत की पारी के दौरान भी कई बार गेंद ने भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया था। कई मौकों पर गेंद खिलाड़ियों के शरीर पर लगी। पिच के असंतुलित उछाल के कारण करीब दो या तीन मौकों पर मुरली विजय चोटिल होने से बचे। कोई गेंद उनके रिब्स पर लगी, तो कोई बॉल उनकी पेट या छाती पर। एक मौके पर तो गेंद ने इतना अधिक उछाल लिया कि गेंद मुरली विजय की उंगली से जा टकराई। इस पर विजय एक हद तक चोटिल हो गए विजय ने फिजियो से मदद ली और उंगली पर दर्दनाशक स्प्रे लगाकर एक बार फिर खेलना शुरू किया। इसी तरह एक-दो मौकों पर चेतेश्वर पुजारा को भी गेंद की इस असीमित उछाल ने परेशान किया।

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