मुंबई. 11,394 करोड़ रु. के पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी के पासपोर्ट विदेश मंत्रालय ने रद्द कर दिए हैं। इनके पासपोर्ट 16 फरवरी को सस्पेंड किए गए थे। मंत्रालय ने दोनों से एक हफ्ते में जवाब मांगा था कि इनके पासपोर्ट रद्द क्यों नहीं किए जाएं। सूत्रों ने शनिवार को बताया कि जवाब नहीं आने पर पासपोर्ट रद्द कर दिए गए। इसी बीच, ईडी ने शनिवार को नीरव की 523 करोड़ रु. की 21 और प्रॉपर्टी अटैच कीं। ईडी अब तक 6,393 करोड़ रु. की प्रॉपर्टी और सामान अटैच कर चुका है।
शनिवार को अटैच की प्रॉपर्टी में छह रिहायशी परिसर, 10 कार्यालय परिसर, पुणे स्थित दाे फ्लैट, एक सोलर पावर प्लांट, अलीबाग का फार्म हाउस और अहमदनगर जिले की 135 एकड़ भूमि शामिल है। आवासीय परिसरों में वर्ली स्थित समुद्र महल अपार्टमेंट का एक पैंटहाउस और एक फ्लैट भी शामिल हैं।
पीएनबी घोटाले के खुलासे से पहले देश छोड़कर भाग चुके नीरव, उसकी पत्नी एमी और मामा व गीतांजलि ग्रुप के प्रमुख मेहुल चौकसी को ईडी ने नया समन जारी कर 26 फरवरी को तलब किया है। ईडी के साथ ही सीबीआई, आयकर विभाग सहित कई एजेंसियां इस घोटाले की जांच कर रही हैं।
उधर, गीतांजलि ग्रुप के प्रमुख मेहुल चौकसी ने अपने कर्मचारियों को पत्र लिखकर कहा है कि मौजूदा हालात में वह वेतन नहीं दे सकता। कर्मचारी चाहें तो नौकरी छोड़ सकते हैं। यह पत्र मेहुल के वकील ने जारी किया।
मेहुल ने दावा किया कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया और अंत में जीत सच्चाई की ही होगी। जिस तरह कई सरकारी एजेंसियों ने हमारी कंपनियां बंद कराने के लिए तबाही मचानी शुरू की है, उससे मुझे काफी दिक्कत हो रही है। अपने 3500 से अधिक कर्मचारियों को संबोधित करते हुए मेहुल ने लिखा कि बैंक खाते और अन्य संपत्ति जब्त होने के चलते वेतन देने में दिक्कत हो रही है। हालात सामान्य होने पर आपका बकाया भुगतान जरूर करूंगा।