मुंबई
मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम और रिलायंस उद्योग समूह के बीच की जंग रोचक होती जा रही है। रिलायंस समूह द्वारा निरुपम को भेजे गए 1000 करोड़ रुपये के मानहानि के नोटिस के जवाब में निरुपम ने अनिल अंबानी को एक पत्र लिखकर चुनौती दी है कि अगर उनके आरोप गलत हैं, तो रिलायंस समूह अडानी समूह के साथ हुए करार को पारदर्शक तरीके से जनता के समक्ष सार्वजनिक करे। बता दें कि रिलायंस उद्योग समूह द्वारा मुंबई का बिजली कारोबार अडानी उद्योग समूह को बेचे जाने को लेकर पिछले दिनों निरुपम ने रिलायंस समूह पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद रिलायंस समूह ने निरुपम को मानहानि का नोटिस भेज उनके खिलाफ अदालत में मुकदमा दायर किया था।
रिलायंस समूह से पूछे सवाल
इस मुकदमे की नोटिस का जवाब देते हुए निरुपम ने कहा कि ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक जिस रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी की कीमत 5 हजार 575 करोड़ रुपये है, उसे अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड द्वारा 18 हजार 800 करोड़ खरीदने की क्या वजह है, जबकि अडानी ट्रांसमिशन कंपनी पर पहले से ही बड़ा कर्ज चढ़ा हुआ है।
राफेल को लेकर मोदी सरकार पर साधा निशाना
निरुपम ने कहा कि उन्हें आशंका है कि भविष्य में इस कर्ज का बोझ बिजली की दरों में वृद्धि के रूप में मुंबई की जनता पर डाला जा सकता है। निरुपम ने कहा कि राफेल सौदे का ठेका रिलायंस डिफेंस कंपनी को मिला है। आरोप है कि विमानों की कीमत वास्तविक कीमत से कहीं ज्यादा दी गई है। विमान किस कीमत में खरीदे गए हैं केंद्र की मोदी सरकार यह बता नहीं रही। अगर विमानों की खरीद में कोई घोटाला नहीं हुआ है, तो इसकी जानकारी अदालत के समक्ष क्यों नहीं दी जा रही, आखिर इसमें क्या छुपाया जा रहा है।