नई दिल्ली
देश के दूसरे सबसे बड़ा सरकारी बैंक पंजाब नैशनल बैंक ने जानबूझकर कर्ज नहीं चुकानेवाले (विलफुल डिफॉल्टर्स) 150 लोगों के पोर्सपोर्ट्स जमा कर लिए। कर्जवसूली अभियान में जुटा पीएनबी 37 अन्य कर्जखोरों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवा चुका है। पीएनबी ने एक बयान में कहा, ‘बैंक 1,084 को विलफुल डिफॉल्टर्स कर चुका है और ऐसे 260 लोगों की तस्वीरें अखबारों में छपवाई पीएनबी के एमडी सुनील मेहता ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि हीरा व्यापारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के 14,000 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े से प्रभावित पीएनबी अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए कर्जवसूली पर पूरा जोर दे रहा है। बैंक बाहरी एजेंसी की मदद से कर्जवसूली और जोखिम प्रबंधन के लिए आंकड़ों का सहारा लेने की योजना बना रहा है।
पीएनबी उन डिफॉल्टर्स के कॉन्टैक्स डीटेल्स प्राप्त करने का प्रयास कर रही है जिनका दूसरे बैंकों में बढ़िया क्रेडिट रेकॉर्ड है। बयान में कहा गया है, ‘यह साझेदारी आंतरिक प्रणालियों को मजबूत करने के लिए तकनीक की तैनाती की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है। इस साझेदारी से बैंक को न केवल कर्जवसूली में ही नहीं बल्कि फायदेमंद कर्ज वितरण और कर्ज डूबने एवं फर्जीवाड़े के जोखिम भी कम-से-कम करने में मदद मिलेगी।’
इसमें कहा गया है कि फंसे हुए कर्ज की वसूली के लिए दो बार स्पेशल वन-टाइम सेटलमेंट स्कीम लाए जा चुके हैं। गौरतलब है कि एनपीए अकाउंट्स में औसतन 70 से 80 हजार की सालाना वृद्धि की दर थी, लेकिन पिछले 10 महीनों में ही 2.25 लाख अकाउंट्स एनपीए हो गए। वन-टाइम सेटलमेंट स्कीम्स से छोटे-छोटे फंसे कर्जों की वसूली हो जाती है और लोगों को भी कर्जमुक्त होने में मदद मिल जाती है।