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येरवडा जेल को 18 साल बाद आई फरार कैदी की सुध

अंबरनाथ
सरकारी काम हमेशा देर से होते हैं, यह सभी को मालूम है, लेकिन येरवडा जेल के अधिकारियों ने 18 साल बाद फरार कैदी का मामला दर्ज कराकर एक अनोखा रिकॉर्ड कायम किया है। वर्ष 2000 में पैरोल पर छूटा अभियुक्त दंडप्पा लिंगप्पा पुजारी वापस जेल में लौटा ही नहीं। इतने सालों बाद नींद से जागे येरवडा जेल प्रशासन ने उसके निवास की जगह अंबरनाथ पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया है। अंबरनाथ के बुआ पाडा इलाके में 1991 एक हत्या हुई थी, जिसके आरोपी दंडप्पा लिंगप्पा पुजारी को 1995 में न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वह कारावास के दौरान अच्छा बर्ताव कर रहा था, जिसके कारण उसे 26 फरवरी 2000 को 14 दिनों के पैरोल पर छोड़ा गया था। यह अवधि पूरी होने पर उसे 12 मार्च 2000 को जेल में हाजिर होना था, लेकिन वह हाजिर नहीं हुआ।

18 वर्ष बाद येरवडा जेल प्रशासन को अहसास हुआ कि कैदी पुजारी तो जेल में है ही नहीं। फिर प्रशासन ने पूरा रिकॉर्ड निकाला। येरवडा के रक्षक जितेंद्र बादल को अंबरनाथ भेजा गया, जहां पुलिस स्टेशन में आरोपी दंडप्पा लिंगप्पा पुजारी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया। येरवडा के रक्षक जितेंद्र बादल से फोन पर बात करने की कोशिश की गई, लेकिन नहीं हो पाई।

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