इंदौर (जेएनएन)। संत भय्यू महाराज अपनी दूसरी पत्नी और बेटी के बीच चल रही जंग में बुरी तरह फंस गए थे। बेटी के डर से उन्हें पत्नी से चोरों की तरह मिलने आना पड़ता था। उन्हें हर वक्त यही भय सताता रहता था कि बेटी और पत्नी में कभी भी हाथापाई हो सकती है। यह खुलासा भय्यू महाराज की सास रानी शर्मा ने पुलिस के समक्ष किया है। गौरतलब है कि खुदकुशी से पहले एक कागज पर भय्यूजी ने लिखा था- ‘बहुत ज्यादा तनाव में हूं, छोड़ कर जा रहा हूं।’ इसके बाद भय्यूजी ने अपनी बंदूक से खुद को गोली मार ली। जब तक अस्पताल लेकर पहुंचे तब तक भय्यूजी इस दुनिया को अलविदा कह चुके थे। उनके जाने के बाद ये खुलासा हुआ है दूसरी शादी के बाद से ही घर पर शुरू हुआ हंगामा
रानी पति अतुल शर्मा के साथ सिल्वर स्प्रिंग (फेज-2) में ही रहती हैं। उन्होंने बताया- ‘वे भय्यू महाराज से बेटी की शादी के लिए कतई राजी नहीं थे। काफी दबाव के बाद उन्हें शादी की हामी भरना पड़ी, शादी के पहले वे कुहू से मिलना चाहते थे। महाराज ने उन्हें भरोसा दिलाया और कहा कि कुहू शादी के लिए मान गई है। महाराज ने शादी की तारीख तय की। शादी में कुहू नहीं आई। शादी के करीब 10 दिन ही बीते थे कि कुहू अचानक घर आ गई। उसने आते ही हंगामा किया और आयुषी से मारपीट शुरू कर दी। आयुषी ने महाराज को पूरा वाकया सुनाया, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए टाल दिया कि कुहू अभी अवसाद में है।’कुहू ने आयुषी को पहुंचाई चोट
रानी के मुताबिक, आयुषी को पांच महीने का गर्भ था। इस दौरान कुहू इंदौर आई थी। उसने कार से नीचे उतरने से इंकार कर दिया। उसने कहा कि वह घर में तभी प्रवेश करेगी जब आयुषी घर से बाहर निकलेंगी। उनका आरोप है कि कुहू ने आयुषी के पेट में लात मारते हुए बुरा-भला भी कहा। दूसरे दिन महाराज को पूरा वाकया बताया तो उन्होंने आयुषी को फुसलाकर मां (रानी) के घर भेज दिया।दबे पांव आते थे मिलने
आयुषी पति को कॉल कर मिलने बुलाती थी। बेटी के डर से भय्यू महाराज रात 12 बजे दबे पांव घर से निकलते और चोरों की तरह मिलने आते। वे कुहू के जागने से पहले सुबह 6 बजे उठकर निकल जाते थे। उन्होंने बेटी और पत्नी का विवाद सुलझाने की कोशिशें भी की, लेकिन कुहू आत्महत्या की धमकी देती थी। बाथरूम में छिपकर बात करना पड़ी
महाराज रविवार रात रानी शर्मा के घर खाना खाने गए थे। कुछ देर बातचीत के बाद कुहू का कॉल आया। दोनों में सामान्य बात हुई। तभी एक और कॉल आया तो महाराज के चेहरे का रंग फीका पड़ गया। वे फोन लेकर बाथरूम में चले गए। इस तरह तीन बार उन्होंने बात की। सोमवार सुबह वे पुणे जाने के लिए रवाना हुए। रास्ते में भी उनके पास इसी तरह के कॉल आए और तनाव में सेंधवा से लौट आए।कुहू की ओर से नहीं आया कोई बयान
इस पूरे मामले में अभी तक कुहू और भय्यू महाराज के परिवार की ओर से कोई अधिकृत बयान नहीं आया है। पुलिस ने भी अभी तक उनके बयान दर्ज नहीं किए। हमने जब उनके परिजन से संपर्क करने चाहा तो उन्होंने फिलहाल बातचीत से इंकार कर दिया। सेवादार मनोहर ने बताया- कुहू गुरुवार के बाद मीडिया से बात करेगी।
बताया जाता है कि कुहू करीब तीन महीने बाद मंगलवार को इंदौर लौटी थी। वह सीधे बॉम्बे हॉस्पिटल पहुंची और पिता को देखा। पिता को खून से सना देख बदहवास हो गई। दोपहर में वह गुस्से में घर (सिल्वर स्प्रिंग) पहुंची और डॉ. आयुषी की तस्वीरों को तोड़ना शुरू कर दिया। उनके साथ मौजूद कांग्रेस की महिला नेता ने उसे संभाला और कमरे में लेकर गई। 29 अप्रैल 1968 को जन्मे भय्यूजीजी महाराज का असली नाम उदयसिंह देखमुख था। वे शुजालपुर के जमीदार परिवार से ताल्लुक रखते थे। कभी कपड़ों के एक ब्रांड के लिए मॉडलिंग कर चुके भय्यूजीजी महाराज अब गृहस्थ संत थे। सदगुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट उनकी ही देखरेख में चलता था। उनका मुख्य आश्रम इंदौर के बापट चौराहे पर है। उनकी पत्नी माधवी का दो साल पहले निधन हो चुका है। पहली शादी से उनकी एक बेटी कुहू है, जो पुणे में रहकर पढ़ाई कर रही है। पहली पत्नी माधवी के निधन के बाद उन्होने ग्वालियर की डॉक्टर आयुषी शर्मा से दूसरा विवाह किया था।