मुंबई, शहर के फेमस होटेल लीला पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगा है। बता दें कि मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एएस ओक और न्यायाधीश रियाज छागला ने अपनी पसंद की बेंच पाने के लिए (‘फोरम हंटिंग या बेंच हंटिंग’) के लिए होटेल लीला पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। अंधेरी पूर्व में होटेल लीला भारतीय विमान प्राधिकरण लि (एएआई) की जमीन पर बना है। यह जगह कई हेक्टेयर में है। एएआई ने होटेल लीला को खाली करने का नोटिस दिया। इसे चुनौती देने के लिए होटेल लीला ने दो याचिकाएं दायर कर दीं। पहले नोटिस के खिलाफ और दूसरी खाली करने के लिए। होटेल लीला ने आपसी सहमति से मामले को निपटाने के लिए पंचनिर्णय की भी व्यवस्था की।
जब मामले की सुनवाई शुरू हुई तो होटेल लीला के वकील ने कहा कि सभी मामले एक डिवीजन बेंच सुने। इस पर सभी याचिकाएं उपरोक्त दोनों जजों की बेंच के समक्ष आ गईं। लेकिन होटेल लीला के वकील दीपक खोसला ने सोमवार को कहा कि पंचनिर्णय याचिका एकल जज बेंच सुने और दो अन्य याचिकाएं क्लब कर दी जाएं।
वकील के इस रुख से खिन्न होकर दोनों जजों ने वकील से कहा कि पहले तो आपने कहा कि सभी याचिकाओं और पंचनिर्णय को एक डिवीजन बेंच के सामने रखा जाए और अब पंचनिर्णय अलग बेंच सुने और दो अन्य याचिकाओं को क्लब कर दिया जाए। दोनों जजों ने पूछा कि यह पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। यह एक तरह से फोरम हंटिंग या बेंच हंटिंग है। हम इसी तरह के व्यवहार की आलोचना करते हैं।’ यह कहते हुए दोनों जजों ने होटेल लीला पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए चार सप्ताह में इसे जमा करने को कहा है।
साथ ही कोर्ट ने होटेल लीला को मिली अंतरिम राहत भी वापस ले ली, जिसकी मार्फत कोर्ट ने एएआई के उस नोटिस पर रोक लगा दी थी, जिसमें होटेल लीला को यह जमीन खाली करने को कहा गया था।