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युगांडा में PM मोदी का चीन पर निशाना, ‘पंखा हिलाना है या मुंडी हिलानी है’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर भाषण के दौरान कहानियों और चुटकुलों के जरिए अपने प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना साधते रहे हैं. इन दिनों मोदी 3 अफ्रीकी देशों के दौरे पर हैं और उन्होंने युगांडा में मजाकिया अंदाज में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने कड़े प्रतिद्वंद्वी चीन पर निशाना साधा.

मोदी ने बुधवार को अफ्रीकी देश युगांडा में भारत-युगांडा बिजनस फोरम की बैठक में हिस्सा लिया और इस दौरान अपने भाषण में मजाकिया अंदाज में सस्ते के चक्कर में भारतीय उत्पादों का इस्तेमाल नहीं किए जाने के नुकसान बताया और अपने देश के बने सामान की महत्ता को भी बेहतरीन अंदाज में रखा.

प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण के दौरान भारत की महंगी मशीनों के पीछे का कारण बताते हुए एक कहानी सुनाई. उन्होंने कहा, ‘मैं जब छोटा था तो एक चुटकुला सुना करता था कि एक बस स्टॉप पर गरीब लड़का पंखा बेच रहा था, जो एक रुपए में पंखा दे रहा था. दूसरे वाले ने 8 आने बताया, तीसरा 4 आने में पंखा बेच रहा था. एक शख्स ने 4 आने वाला पंखा लिया, लेकिन 3-4 बार पंखा हिलाने पर ही वह टूट गया, तो उसने तुरंत पंखा वाले को पकड़ा और कहा कि यह तो टूट गया. इस पर पंखा बेचने वाले ने जवाब दिया कि मैंने पंखा हिलाने को थोड़ी कहा था, पंखा नहीं मुंडी हिलानी थी.’

प्रधानमंत्री मोदी का इशारा महंगे भारतीय उत्पादों और सस्ते अन्य देशों के उत्पादों की ओर था. चीन की तुलना में भारतीय उत्पाद थोड़े महंगे हैं.

नरेंद्र मोदी ने इस चुटकुले के सार को समझाते हुए आगे कहा, ‘हो सकता है क्फ शुरू में कुछ चीजें महंगी हो, लेकिन वे लंबे समय तक चलती हैं. जबकि सस्ती चीजें खरीदेंगे वो महीनों खराब रहेंगी क्योंकि उन्हें ठीक करने वाला भी उसी देश से लाना पड़ेगा.’

उन्होंने युगांडावासियों को विश्वास दिलाते हुए कहा, ‘मैं विश्वास दिलाता हूं कि जीरो डिफेक्ट के साथ हम आपको मशीन देने, टेक्नॉलजी देने को तैयार हैं. वो शुरुआत में महंगा होगा. लेकिन यह आपको तय करना है कि पंखा हिलाना है या मुंडी हिलानी है?’

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