मुंबई : सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर, एम.एम. कलबुर्गी और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के तार आपस में जुड़े हुए हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जांच रिपोर्ट के हवाले से बताया कि तीनों की हत्या के पीछे दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के एक ही गुट का हाथ है। हालांकि सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पानसरे हत्याकांड इन मामलों से नहीं जुड़ पाया है।
अधिकारी के मुताबिक, जांच के दौरान सामने आया कि सभी हत्याओं के पीछे समान सोच वाले एक गिरोह के सदस्यों का हाथ है। गिरोह के लगभग सभी सदस्यों का संबंध सनातन संस्था और उसकी शाखा हिंदू जनजागृति समिति से है। ये तीन हत्याएं इसलिए की गईं, क्योंकि ये लोग हिंदू धर्म के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। अब तक हुई जांच दिखाती है कि जिन लोगों को पालघर जिले के नालासोपारा से विस्फोटकों का बड़ा जखीरा मिलने के संबंध में गिरफ्तार किया गया था, उनका सीधा संबंध इन तीन हत्याओं से है। महाराष्ट्र पुलिस ने नालासोपारा से विस्फोटकों की जब्ती के बाद 10 लोगों को गिरफ्तार किया था। तब उसने कहा था कि वह दाभोलकर, पानसरे, गौरी लंकेश और कलबुर्गी की हत्या सहित सभी ज्ञात और अज्ञात मामलों में उनकी भूमिका की जांच करेगी। पानसरे के हत्यारों को पकड़ने की कोशिश जारी है। यह केस महाराष्ट्र एसआईटी के पास है।