नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने रेवाड़ी गैंगरेप मामले में पीड़िता की पहचान उजागर करने के मामले में न्यूज चैनलों की खिंचाई की है। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बच्चियों के साथ हुए सेक्शुअल असॉल्ट मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी. लोकूर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने पीड़िता के पिता का इंटरव्यू लिए जाने के मामले में सवाल उठाया है। कोर्ट ने कहा कि न्यूज चैनल पर हमने देखा, जिसमें कहा गया कि लड़की के साथ रेप हुआ है। लड़की के बारे में कुछ ऐसी जानकारी दी गई, जिससे पहचान उजागर होती है। कोर्ट ने कहा कि रेवाड़ी, दिल्ली और कोलकाता की तरह बड़ा शहर नहीं है कि पहचान उजागर न हो पाए। हमने सरसरी तौर पर टीवी चैनल में ये बात देखी।
सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें हाई कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम सेक्शुअल असॉल्ट केस की जांच के लिए सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर से कहा था कि वह नई टीम का गठन करे। पटना हाई कोर्ट ने 29 अगस्त को यह आदेश दिया था। पिता का इंटरव्यू
कोर्ट ने कहा कि चैनल ने पीड़िता के पिता का इंटरव्यू किया। वह भी गांव के 50 लोगों के सामने। ये लोग उन्हें जानते हैं। 50 लोग अगले 50 लोगों को बताएंगे। ऐसे में ये क्या हो रहा है। गौरतलब है कि 12 सितंबर को 19 साल की स्टूडेंट के साथ रेवाड़ी में गैंगरेप हुआ था।
पीड़िता की पहचान उजागर करने पर सुप्रीम कोर्ट हुआ नाराज
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