मुंबई उच्च न्यायालय में सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में मराठा समुदाय को आरक्षण दिए जाने के विरोध में अनेक याचिकाएं
मुंबई: मुंबई उच्च न्यायालय में सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में मराठा समुदाय को आरक्षण दिए जाने के विरोध में अनेक याचिकाएं दायर की गईं। इन याचिकाओं में कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार ने मराठाओं को आरक्षण का जो लाभ दिया गया है, वह गलत है और वे इसका विरोध करते हैं।
याचिकाएं न्यायाधीश रंजीत मोरे और न्यायाधीश भारती डांगरे की अदालत में पेश की गई। इन याचिकाओं में इस आरक्षण को चुनौती दी गई है। याचिकाओं का कहना है कि इस समुदाय को महाराष्ट्र में राजनीतिक रूप से काफी प्रभावशाली समुदाय माना जाता है। याचिकाकर्ताओं के वकीलों का दावा था कि मराठाओं के लिए एक विशेष श्रेणी बनाकर सरकार उन्हें विशेष रियायत दे रही है। उन्हें सरकार ने सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग माना है।
वकील श्रीहरि अनय ने कहा कि केवल मराठा समुदाय में ही नहीं हरेक जाति में सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े वर्ग है, इसलि









