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महाराष्ट्र

‘पद्मावती’ पर रोक का मामला सदन में उठा

‘पद्मावती’ पर रोक का मामला सदन में उठा

नागपुर: संजय भंसाली निर्मित फिल्म 'पद्मावती' के विरोध का मुद्दा विधान परिषद में भी गूंजा। भाजपा के सदस्य सुजीत सिंह ठाकुर ने फिल्म के प्रदर्शन पर विरोध जताते हुए कहा कि फिल्म में आदर्श मानीं जाने वाली रानी पद्मावती को लेकर अश्लील चित्रण किया गया है। सामाजिक और धार्मिक रूप से यह फिल्म घातक है। प्रदर्शन पर रोक लगनी चाहिए, जब तक कुछ इतिहास विद्वान और वरिष्ठ सामाजिक प्रतिनिधि फिल्म को देखने के बाद सहमति नहीं देते। सदन में औचित्य के मुद्दे के तहत सुजीत सिंह ठाकुर ने यह मुद्दा उठाया था। ठाकुर ने कहा कि फिल्म के प्रदर्शन के पूर्व ही पोस्टर में आपत्तिजनक दृश्य चित्रित किए गए हैं, जिससे देश के गौरवान्वित करने वाले इतिहास का अपमान हुआ है। फिल्म को लेकर लोगों में आक्रोश है।
पूरक उत्तर पुस्तिका चाहिए तो लिखो पत्र

पूरक उत्तर पुस्तिका चाहिए तो लिखो पत्र

 मुंबई एलएलबी की परीक्षा के दौरान कई कॉलेज असमंजस की स्थिति में आ गए। दरअसल मामला छात्र-छात्राओं द्वारा एलएबी परीक्षा में पूरक पुस्तिका मांगे जाने का है। यहां स्टूडेंट्स को पूरक पुस्तिका लेने के लिए पत्र लिखने को कहा गया। वहीं कई जगहों पर पूरक पुस्तिका बांटी ही नहीं गई। हाल ही में मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा पूरक पुस्तिका के मांगे जाने पर रोक लगाई थी जिसे बंबई उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया गया था। उच्च न्यायलय के निर्देश से विश्वविद्यालय अवगत था मगर किसी तरह के निर्देश जारी न होने से पूरक पुस्तिका देने को लेकर असमंजस में था। विश्वविद्याय को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे? पूरक उत्तर पुस्तिका के लिए मांगा पत्र कुछ कॉलेजों ने उत्तर पुस्तिका दी, कुछ ने सर्कुलर आने का इंतजार किया, लेकिन दक्षिण मुंबई के एक कॉलेज ने पूरक उत्तर पुस्तिका के लिए विद्यार्थियों से एक नोट लिखकर देने की बात कही।
दिन में मां, रात में बन जाती हैं बुर्कानशीं कैब ड्राइवर

दिन में मां, रात में बन जाती हैं बुर्कानशीं कैब ड्राइवर

मुंबई क्या ऐसा हो सकता है कि देर रात आप ऐप से कैब बुक करें और कार लेकर एक महिला बुर्के में पहुंचे? शायद आपको यकीन न हो लेकिन यह हकीकत है। मुंबई मेंमुस्लिम महिलाएं + देर रात कैब चला रही हैं। 30 साल की रिजवाना शेख ने बताया कि जब वह बुकिंग के बाद लोगों को फोन करके उनकी लोकेशन पूछती हैं तो लोगों को अजीब लगता है और जब वह गाड़ी लेकर पहुंचती हैं तो उन्हें ड्राइवर सीट पर देखकर लोग आश्चर्यचकित हो जाते हैं। रिजवाना दिन में एक मां की तरह घर में रहती हैं और रात में ओला कैब की ड्राइवर बन जाती हैं। रिजवाना ने बताया कि वह लखनऊ + में पली बढ़ी हैं। उनकी शादी जोगेश्वरी के एक व्यापारी से हुई जिसके बाद वह मुंबई आ गईं। आज माहौल बदला है। महिलाएं, खासकर रूढ़िवादी पृष्ठभूमि से आने वाली महिलाएं भी आज संकीर्ण मानसिकता वाले समाज से निकलकर जिंदगी को नए आयाम दे रही हैं। यहां मुंबई में ये महिलाएं आज रा