वंशवाद को मतदाताओं का आशीर्वाद, कांग्रेस के परिवारवाद को नकारा
मुंबई : वंशवाद की राजनीति पर मतदाताओं ने इस बार चुन-चुनकर मुहर लगाई है। बीजेपी के वंशवाद को जहां सराहा गया है, वहीं कांग्रेस व एनसीपी को पूरी तरह से नकार दिया गया है। बीजेपी ने अपनी पार्टी के दिग्गज नेताओं की बेटी, बेटा, बहू और पत्नियों को 8 सीटें दी थीं, जिनमें 7 उम्मीदवार जीतकर आए। शिवसेना ने चार नेताओं के परिवार के सदस्यों को टिकट दिए थे। इनमें तीन की जीत हुई। एनसीपी में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ही जीत सकीं, जबकि उनके परिवार के दूसरे सदस्य पार्थ हार गए। कांग्रेस के परिवार को मतदाताओं ने पूरी तरह से खारिज कर दिया। नारायण राणे के बेटे को भी मतदाताओं ने नकार दिया। बीजेपी ने 8 सीटों पर अपनी पार्टी के नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट दिया। दिग्गज नेता एकनाथ खडसे की बहू रक्षा खडसे को रावेर, पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की बेटी प्रीतम को बीड, प्रमोद महाजन की बेटी पूनम को उत्तर मध्य म