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मुंबई

तोड़-फोड़ के लिए केंद्र-राज्य सरकारें जिम्मेदार-सुप्रिया सुले

तोड़-फोड़ के लिए केंद्र-राज्य सरकारें जिम्मेदार-सुप्रिया सुले

ठाणे: एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले ने फिल्म 'पद्मावत' को लेकर फैले विवाद और तोड़-फोड़ की घटनाओं के लिए सीधे केंद्र सरकार और राज्य की सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है। सुले का आरोप है कि देश के विभिन्न शहरों में जिस प्रकार फिल्म का विरोध और तोड़-फोड़, आगजनी जैसी घटनाएं हो रही हैं, यह सरकार की विफलता है। दिल्ली में फिल्म का विरोध करने वालों द्वारा स्कूल बस को निशाना बनाए जाने की घटना को सुले ने शर्मनाक बताया।
कैंपस में लिंगभेद का आरोप

कैंपस में लिंगभेद का आरोप

मुंबई देश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में से एक मुंबई के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की एक छात्रा ने फेसबुक पर ऐसा पोस्ट किया है जिसके बाद से संस्थान में लिंगभेद होने पर बहस तेज हो गई है। संस्थान में एमफिल की छात्रा मैत्रेयी शुक्ला ने वहां महिला छात्रों की स्थिति को लेकर कई सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि वहां हर समय लिंगभेद और मॉरल पलीसिंग का सामना करना पड़ता है।उन्होंने संस्थान में छात्रों की तुलना में छात्राओं की कम संख्या पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि संस्थान में उनके शुरुआती दिनों में ही जब सालाना डांस फेस्टिवल के पोस्टर देखे तो उनमें बॉलिवुड फिल्मों के ऐसे संवादों का इस्तेमाल किया गया था जिनसे लड़कियों का पीछा करते रहने को बढ़ावा मिल रहा था। उन्होंने संस्थान के बेहद चर्चित फेस्टिवल मूड इंडिगो पर निशाना साधते हुए कहा कि उस दौरान बड़ी संख्या में छात्राएं बाहर से आती हैं जिन्हें
अब तक सरकार ने इस्तेमाल किया बजट का केवल 38 प्रतिशत

अब तक सरकार ने इस्तेमाल किया बजट का केवल 38 प्रतिशत

मुंबई महाराष्ट्र सरकार के अलग-अलग विभागों ने 2017-2018 में जारी किए फंड में से केवल 38 प्रतिशत का ही इस्तेमाल किया है। आधिकारिक डेटा के मुताबिक अब जब वित्तीय वर्ष खत्म होने में केवल दो महीने बचे हैं, सरकार के 62 प्रतिशत फंड अभी भी बाकी है। पिछले दो साल में साल के इस समय तक इस्तेमाल किया गया फंड कहीं अधिक था। सरकारी विभागों को 3.69 लाख करोड़ रुपये का फंड अप्रैल 2017 में जारी किया गया था। इसमें से 1.4 लाख करोड़ रुपये ही खर्च किए गए हैं। सबसे कम फंड हाउसिंग (4.4 प्रतिशत) पर्यावरण (4.6 प्रतिशत), पब्लिक वर्क (8.4 प्रतिशत), जल स्रोत (9.7 प्रतिशत), फूड ऐंड स्पलाइ (9.8 प्रतिशत) और अल्पसंख्यक विकास (13.2 प्रतिशत) विभागों ने इस्तेमाल किया है। हालांकि, विभागों के अधिकारियों का कहना है कि इन आंकड़ों से पूरी बात सामने नहीं आती। इस डेटा में वे बिल शामिल नहीं जो अभी जमा नहीं किए गए। कई ऐसे भी विभाग
कुछ ऐसे भुवनेश्वर कुमार ने टीम इंडिया के बल्लेबाजों को किया बुरी तरह शर्मसार!

कुछ ऐसे भुवनेश्वर कुमार ने टीम इंडिया के बल्लेबाजों को किया बुरी तरह शर्मसार!

नई दिल्ली: विराट कोहली एंड कंपनी के लिए दक्षिण अफ्रीका धरती पर मेजबान टीम के खिलाफ जारी टेस्ट सीरीज को अगर भारत की इस देश में अभी तक की सबसे शर्मनाक सीरीज करार दिया जाए, तो एक बार को गलत नहीं ही होगा. श्रीलंका टीम को वनडे में धोने और दिग्गज बल्लेबाजों के साथ बड़ी उम्मीदों के साथ यह टीम दक्षिण अफ्रीका पहुंची थी, लेकिन इन 'घरेलू शेर बल्लेबाज' को बहुत ही बुरी तरह शर्मसार कर दिया है उन्हीं की टीम के साथ गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने! जोहांसबर्ग टेस्ट मैच की अभी एक पारी बाकी है, लेकिन पिछली पांच पारियों में सभी बल्लेबाज बुरी तरह ढेर साबित हुए हैं. अगर भारतीय कप्तान विराट कोहली को कुछ हद तक अपवाद मान लिया जाए, तो सभी दिग्गज टांय-टांय फिस्स हो गए, फिर चाहे भारत की अगली दीवार कहे जा रहे चेतेश्वर पुजारा हों या फिर श्रीलंका के खिलाफ महारिकॉर्डधारी रोहित शर्मा. और अब भुवनेश्वर कुमार को इन्हें ताउम्र चि
बीएमसी बनवाएगी कुत्तों और बिल्लियों के लिए श्मशान भूमि

बीएमसी बनवाएगी कुत्तों और बिल्लियों के लिए श्मशान भूमि

मुंबई: मुम्बई महानगरपालिका अब कुत्तों और बिल्लियों के लिए भी स्मशान भूमि बनवायेगी. तीनो ही स्मशान भूमि सी एन जी ईंधन पर आधारित होंगे. मुंबई में अब तक गैर सरकारी संस्थाओं की 2 स्मशान भूमि है. साल 2014 की गड़ना के मुताबिक मुंबई में 95 हजार 175 कुत्ते हैं. जबकि साल 2012 में उनकी संख्या 32 हजार के करीब थी. बी एम सी के देवनार कत्ल खाने के व्यवस्थापक डॉ योगेश शेट्टे के मुताबिक बी एम सी आयुक्त अजोय मेहता ने हाल ही में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके लिये मुम्बई में कुल 3 जगहों का चयन किया गया है . दक्षिण मुम्बई के लिए महालक्ष्मी , पस्चिमी उपनगर के लिए मालाड और पूर्वी उपनगर के लिए देवनार में श्मशान भूमि बनेगी. बी एम सी के मुताबिक एक स्मशान भूमि के लिए 2 करोड़ रुपया प्रस्तावित है. बी एम सी प्रस्तावित तीनो ही स्मशान भूमि को बनाएगी और ईंधन के साथ रखरखाव भी देखेगी लेकिन संचालन का काम निजी सं
खुदकुशी मामला: पुलिस निरीक्षक पर मामला दर्ज

खुदकुशी मामला: पुलिस निरीक्षक पर मामला दर्ज

विरार, विरार पुलिस स्टेशन क्षेत्र में जहर पीने के बाद सोमवार की सुबह हुई युवक की मौत के मामले में पुलिस के आला अधिकारियों के आदेश पर विरार पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सहित 4 लोगों पर अर्नाला पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। युवक की मौत पर गुस्साए परिजन ने पुलिस निरीक्षक सहित अन्य 3 लोगों को मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए मामला दर्ज करने की मांग की थी। बता दें कि इस घटना के बाद परिजन ने शव का अंतिम संस्कार करने से भी मना कर दिया था। सोमवार देर रात मामला दर्ज होने के बाद मंगलवार सुबह युवक का अंतिम संस्कार किया गया। गौरतलब है कि विरार (पूर्व) के जीवदानी रोड, सुराम माउंट सोसायटी के अमरनाथ बिल्डिंग निवासी विकास विनय कांत झा (23) ने 10 नवंबर 2017 को वसई डीवाईएसपी कार्यालय में आत्मदाह कर लिया था। उसकी मौत के बाद उसके बड़े भाई अमित झा (29) न्याय के लिए पुलिस अधिकारियों के चक्कर काट

पर्यटन मंत्री ने की ‘पद्मावत’ के बहिष्कार की अपील

मुंबई महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल ने राज्य के लोगों से फिल्म पद्मावत का बहिष्कार करने की अपील की है। मंत्री ने कहा कि भले ही सुप्रीम कोर्ट ने इसके प्रदर्शन का आदेश दिया है, लेकिन वह व्यक्तिगत स्तर पर इस फिल्म के बहिष्कार की अपील कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग दूसरी फिल्में देखें। रावल धुले से विधायक हैं और उन्होंने कहा कि धुले में कई सिनेमाघर मालिकों ने इस विवादित फिल्म को न दिखाने का फैसला स्वेच्छा से लिया है।
बकाया टैक्स न चुकाने पर महाराष्‍ट्र ने दी 3 राज्‍यों को मुकदमे की धमकी

बकाया टैक्स न चुकाने पर महाराष्‍ट्र ने दी 3 राज्‍यों को मुकदमे की धमकी

मुंबई महाराष्ट्र सरकार ने पूर्वोत्तर के तीन राज्यों मिजोरम, अरुणाचल व सिक्किम की सरकारों को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। यह चेतावनी इन तीनों राज्यों पर महाराष्ट्र के बकाया 931 करोड़ रुपये के लॉटरी कर के संबंध में दी गई है। महाराष्ट्र सरकार ने तीनों राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिख कर यह चेतावनी दी है। सरकार ने पत्र में मुंबई उच्च न्यायालय के आदेश का भी हवाला दिया है।महाराष्ट्र में बड़ी तादाद में मिजोरम, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों की लॉटरी बिकती है। इसके एवज में महाराष्ट्र सरकार को इन राज्यों से लॉटरी कर मिलता है, लेकिन करोड़ों की कमाई करने के बाद भी ये तीनों राज्य महाराष्ट्र को कर का भुगतान नहीं कर रहे हैं। इन पर बकाया बढ़ते-बढ़ते 931 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।महाराष्ट्र की माली हालत बिगड़ी तो दूसरे राज्यों पर आई आफत महाराष्ट्र की इन दिनों माली हालत ठीक नहीं है, इसलिए
शिवसेना ने बताया, क्यों छोड़ा बीजेपी का साथ

शिवसेना ने बताया, क्यों छोड़ा बीजेपी का साथ

मुंबई शिवसेना ने महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने के पीछे बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है। शिवसेना का कहना है कि बीजेपी सहयोगी दलों को महत्व नहीं दे रही है। अब पार्टी ने अपनी भविष्य की रणनीति तय कर ली है।आपको बता दें कि मंगलवार को शिवसेना ने यह ऐलान किया था कि वह अकेले चुनाव लड़ेगी। शिवसेना ने छत्रपति शिवाजी का उदाहरण देते हुए कहा कि मराठा राजा उस वक्त स्वराज के अपने सपने को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़े जब लोग उनसे सवाल कर रहे थे कि मुगल शासकों के खिलाफ लड़ने के लिए संसाधन कहां से जुटाएंगे? बीजेपी सहयोगी दलों को कर रही है दरकिनार शिवसेना ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वह आगामी आम चुनावों में 380 से ज्यादा सीटें जीतने के लक्ष्य को लेकर सहयोगी दलों को दरकिनार कर रही है। पार्टी ने अपने मुखपत्र 'सामना' में लिखा है, 'शिवसेना का लक्ष्य सामाजिक उत्थान है, वह राजनीतिक जीत-हार
बुजुर्ग फ्लैट मालिक को 40 साल बाद मिला इंसाफ

बुजुर्ग फ्लैट मालिक को 40 साल बाद मिला इंसाफ

मुंबई किरायेदार से अपने फ्लैट को खाली कराने के लिए एक 87 वर्षीय बिजनसमैन की 40 साल की कठोर तपस्या आखिरकार सफल हुई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई के मालाबार हिल स्थित फ्लैट में कब्जा करने वाले आरोपी किरायेदार को 8 हफ्तों के अंदर उसे खाली करने का आदेश दिया है।बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस गिरीश कुलकर्णी ने बताया, 'यह एक क्लासिक केस था जहां किरायेदार कोई मामूली आदमी नहीं बल्कि अमीर शख्स था जो कई बिजनस में इंगेज था। उसने फ्लैट मालिक को 40 साल तक उनकी प्रॉपर्टी से दूर रखा। 87 वर्षीय बिजनसमैन राजस्थान के रहने वाले हैं और अपने परिवार के साथ मुंबई अपने फ्लैट में शिफ्ट होना चाहते हैं।' जज ने बताया कि ट्रायल और अपीलीय दोनों ही कोर्ट में सफलता मिलने के बाद भी फ्लैट मालिक को इतने साल तक अपनी प्रॉपर्टी का लुत्फ उठाने के लिए इंतजार करना पड़ा। दरसअल इसके पीछे वजह है किराया कानून, जिसका फायदा किरायेदार को