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मुंबई

फर्जी नौकरी देकर सरकारी दफ्तरों में लगवाई बायॉमेट्रिक ‘हाजिरी’

फर्जी नौकरी देकर सरकारी दफ्तरों में लगवाई बायॉमेट्रिक ‘हाजिरी’

मुंबई जॉब घोटाले में जिस ललित ओमप्रकाश सावंत को कांदिवली क्राइम ब्रांच ने तीन दिन पहले गिरफ्तार किया था, उसने ठगे गए युवकों की बायॉमेट्रिक 'हाजिरी' भी लगवा दी थी। कई युवकों ने जांच अधिकारियों से यह खुलासा किया। उसने इन युवकों से एक करोड़ से भी ज्यादा रुपये ऐंठ लिए थे।एक अधिकारी ने बताया कि ललित ने इन युवकों को बीएमसी मुख्यालय और सेंट्रल एक्साइज मुख्यालय भेजा था। उसने उनसे कहा था कि अटेंडेंस के लिए लगी बायॉमेट्रिक मशीनों में अंगूठा लगा आओ। कुछ दिनों बाद तुम लोगों को दफ्तर में सीट भी दिलवा दी जाएगी।' ये युवक बीएसएसी और एक्साइज मुख्यालय में 'हाजिरी' लगाने के लिए गए तो वहां सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें टोका। तब युवकों ने उन्हें वे नियुक्ति पत्र और आई कार्ड दिखा दिए, जो ललित ने उन्हें बनाकर दिए थे। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर जाने दिया। इस तरह वे वहां जाकर 'हाजिरी' लगा देते, कुछ
पैरोल पर छूटकर आए शख्स ने मंत्रालय से कूदकर दी जान, महीने भर के अंदर तीसरी घटना

पैरोल पर छूटकर आए शख्स ने मंत्रालय से कूदकर दी जान, महीने भर के अंदर तीसरी घटना

मुंबई: मुंबई में महाराष्ट्र का मंत्रालय खुदकुशी का अड्डा बनता जा रहा है. महीने भर में 2 लोग यहां पर आत्महत्या कर चुके हैं जबकि एक को आत्मदाह के ठीक पहले पकड़कर उसकी कोशिश नाकाम की जा चुकी है. राज्य सरकार जहां इससे सकते में है वहीं विपक्ष इसे जनता को न्याय देने में सरकार की नाकामी बताने में जुटा है. बता दें कि गुरुवार शाम 6 बजे के करीब हर्षल रावते नाम के युवक ने मंत्रालय की 5 वी मंजिल से कूदकर खुदकुशी कर ली. मुंबई के चेम्बूर में रहने वाला हर्षल अपनी ही साली की हत्या के दोष में उम्रकैद की सजा काट रहा था. जेल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बीके उपाध्याय के मुताबिक हर्षल राज्य की पैठण जेल में अपनी सजा काट रहा था और हाल ही में पैरोल पर छूट कर आया था. 8 फरवरी को ही उसकी पैरोल खत्म हो रही थी. माना जा रहा है कि मंत्रालय में वह अपनी सजा कम कराने के उद्देश्य से आया था लेकिन नियमों के मुताबिक अभी उसे म
रोजाना सुनवाई की मांग पर बोला SC- 700 केस लंबित, हमें सबकी चिंता

रोजाना सुनवाई की मांग पर बोला SC- 700 केस लंबित, हमें सबकी चिंता

नई दिल्ली राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले की सुनवाई के दौरान गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में इस केस की रोजाना सुनवाई की मांग रखी गई। मामले से जुड़े एक पक्ष ने इस केस को 'बेहद महत्वपूर्ण' बताते हुए कहा कि इस पर डे टु डे सुनवाई होनी चाहिए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्वीकार न करते हुए मामले की सुनवाई को 14 मार्च तक टाल दिया। मामले की रोजाना सुनवाई की मांग करने वाले वकील से अदालत ने कहा कि सैंकड़ों ऐसे केस लंबित हैं, जिसकी अदालत को चिंता हैं। कोर्ट ने कहा कि अगली तारीख पर जब मामला सुनवाई के लिए आएगा, तब इस मांग पर पर गौर किया जाएगा। कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक मुस्लिम पक्षकार की ओर से पेश सीनियर वकील राजीव धवन ने मामले की सुनवाई रोजाना किए जाने की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि यह मामला बेहद महत्वपूर्ण है, लिहाजा मामले की रोजाना सुनवाई की जानी चाहिए। इस दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने टि
अप्रैल 2016 से पहले होम लोन लिया था तो जल्द मिल सकती है खुशखबरी

अप्रैल 2016 से पहले होम लोन लिया था तो जल्द मिल सकती है खुशखबरी

मुंबई अप्रैल 2016 से पहले वैसे होम लोन लेनेवालों के लिए राहत की खबर है जिन पर लागू ब्याज दरों को बैंकों ने बाजार दरों के मुताबिक तर्कसंगत नहीं बनाया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बैंकों को होम लोन पर पुरानी ब्याज दरों को बाजार से जुड़े मौजूदा पैमाने के अनुकूल लाने का निर्देश दिया है। शिकायतें मिलीं तो RBI ने दिया निर्देश अप्रैल 2016 से पहले होम लोन्स बेस रेट से जुड़े होते थे जिसका एकतरफा निर्धारण बैंक किया करते थे। जब शिकायतें आने लगीं कि बेस रेट में ब्याज दरें घटने का फायदा नहीं दिखता तो आरबीआई ने फॉर्म्युले पर आधारित मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) लागू किया जो फंड्स की लागत से जुड़ा है। अप्रैल 2016 के बाद से लोन लेनेवालों को एमसीएलआर का फायदा मिल रहा है, लेकिन इसके पहले लोन लेनेवाले बेस रेट के आधार पर ही पेमेंट कर रहे हैं। MCLR का यह फायदा बेस रेट खत्म करने के बाद 21
पिछले 10 साल में 260 पुरुषों की नसबंदी हुई असफल

पिछले 10 साल में 260 पुरुषों की नसबंदी हुई असफल

मुंबई, सरकार एक तरफ परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए हर साल लाखों-करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं दूसरी तरफ प्रशासन की लापरवाही के कारण सैकड़ों पुरुषों की नसबंदी (वैसेकटॉमी) असफल हो गई है। आंकड़ों की मानें तो पिछले 10 वर्षों में राज्यभर में 250 से अधिक पुरुषों की नसबंदी असफल हुई है। इसके कारण नसबंदी कराने के बाद भी कई परिवार चाह कर भी परिवार नियोजन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित नहीं करा सके। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, नसबंदी के दौरान डॉक्टरों द्वारा बरती जाने वाली लापरवाही के कारण या निश्चित प्रक्रिया का ठीक से पालन नहीं करने की वजह से ऐसा होता है। तीन जिलों से 61 प्रतिशत मामले राज्य में असफल नसबंदी के अधिकतर मामले ग्रामीण इलाकों से हैं। हेल्थ मैनेजमेंट इंन्फॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) से मिले आंकड़ों के अनुसार, 2008 से दिसंबर 2017 तक महाराष्ट्र में 260 असफल नसबंदी के मामल
कत्ल के जुर्म में 17 साल से था फरार,  यूपी से हुआ गिरफ्तार

कत्ल के जुर्म में 17 साल से था फरार, यूपी से हुआ गिरफ्तार

मुंबई कत्ल के मामले में 17 वर्षों से फरार चल रहा आरोपी बुधवार को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया गया। इस बात की जानकारी उत्तर प्रदेश एसटीएफ के उपाधीक्षक पीके मिश्रा ने दी। वेद प्रकाश सिंह पर ठाणे के वर्तक नगर पुलिस स्टेशन में 1994 में कत्ल का मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी। बता दें कि वर्ष 2001 में आरोपी वेद प्रकाश को 1 महीने के लिए पैरोल पर छोड़ा गया लेकिन वह वापस नहीं लौटा। वापस जेल न लौटने पर पुलिस ने आरोपी वेद प्रकाश सिंह की तलाश शुरू कर दी। ठाणे क्राइम ब्रांच के सीनियर इन्स्पेक्टर नितिन ठाकरे को वेद प्रकाश सिंह के यूपी के सुलतानपुर में होने की जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने यूपी एसटीएफ की मदद से सुलतानपुर में कचहरी के पास फरार चल रहे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
सरकार ने राफेल डील में घोटाले के आरोपों को बेबुनियाद बताया

सरकार ने राफेल डील में घोटाले के आरोपों को बेबुनियाद बताया

नई दिल्ली राफेल डील को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों को सरकार ने बेबुनियाद बताया है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि राफेल सौदे के मूल्य और ब्योरे को सार्वजनिक किए जाने की मांग की जा रही है जो मुमकिन नहीं है। गोपनीयता की शर्तों के मुताबिक, यूपीए सरकार ने भी कई रक्षा सौदौं का ब्योरा आम करने में असहमति जताई थी। संसद में पूछे गए सवालों पर भी यही रुख अपनाया था। सरकार के रक्षा विभाग ने कहा है कि सामान्य तौर पर इस मसले पर प्रतिक्रिया नहीं दी जानी चाहिए थी, लेकिन भ्रम फैलाने वाले बयानों से राष्ट्रीय सुरक्षा के गंभीर मसले को गंभीर नुकसान किया जा रहा है। बता देंकि 36 राफेल विमानों के लिए 2016 में भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच समझौता हुआ था। ये विमान सप्लाई होने पर फौरी उड़ान भरने की स्थिति में होंगे। इस डील पर कांग्रेस सवाल उठा रही है। सरकारी बयान के मुताबिक, 'भारतीय वायुसेना के लड
8 फरवरी से शुरू हो रही अयोध्या केस की सुनवाई, पूरे देश की होगी नजर

8 फरवरी से शुरू हो रही अयोध्या केस की सुनवाई, पूरे देश की होगी नजर

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के राम मंदिर बाबरी मस्जिद विवाद की 8 फरवरी से सुनवाई होने जा रही है। संभवत: शीर्ष अदालत में इस साल यह सबसे अहम मामला है, जिस पर सबसे ज्यादा लोगों की निगाहें होंगी। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने साफ किया था कि अब सुनवाई नहीं टाली जाएगी। 5 दिसंबर को हुई पिछली सुनवाई में मुस्लिम पक्षकार की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि मामले की सुनवाई के लिए इतनी जल्दी क्यों है। इस मामले की सुनवाई जुलाई 2019 के बाद होनी चाहिए।सिब्बल ने कहा था कि ये कोई साधारण जमीन विवाद नहीं है बल्कि इस मामले का भारतीय राजनीति के भविष्य पर असर होने वाला है। मुस्लिम संगठनों की ओर से पेश सिब्बल और अन्य वकीलों ने कहा था कि इस मामले को संवैधानिक बेंच को रेफर किया जाना चाहिए। सुनवाई जुलाई 2019 के बाद किये जाने की दलील के बाद कोर्ट के
महाराष्ट्र पुलिस ने लौटा दीं एक तिहाई बुलेट प्रूफ जैकेट

महाराष्ट्र पुलिस ने लौटा दीं एक तिहाई बुलेट प्रूफ जैकेट

मुंबई, 26/11 को हुए आतंकी हमले के बाद महाराष्ट्र पुलिस को मिली 4,600 बुलेट प्रूफ जैकेटों में से एक तिहाई यानी कुल 1,430 जैकेटें निर्माता को वापस कर दी गई हैं। इन जैकेटों को इसलिए वापस कर दिया गया, क्योंकि परीक्षण के दौरान एके-47 की गोलियां इनमें से होकर गुजर गईं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (खरीद और समन्वय) वीवी लक्ष्मीनारायण ने बताया, 'एके-47 के परीक्षण में असफल रहने के कारण हमने एक तिहाई बुलेट प्रूफ जैकेटें निर्माताओं को लौटा दी हैं।' ये जैकेटें कानपुर स्थित कंपनी को वापस की गई हैं, जहां से इन्हें तीन खेप में भेजा गया था। पुलिस विभाग ने कंपनी को 5,000 बुलेट प्रूफ जैकेट बनाने का आदेश दिया था। यह कंपनी अन्य केंद्रीय सुरक्षा बलों को भी ऐसी जैकेट मुहैया कराती है। कंपनी ने महाराष्ट्र पुलिस को 4,600 जैकेटों की आपूर्ति की थी। इसके बदले पुलिस विभाग ने कंपनी को 17 करोड़ रुपये का भुगतान किया था
द्रविड़ बोले करियर में विश्वकप नहीं जीत पाने का कोई मलाल नहीं

द्रविड़ बोले करियर में विश्वकप नहीं जीत पाने का कोई मलाल नहीं

मुंबई: कप्तान पृथ्वी शॉ और कोच राहुल द्रविड़ की अगुवाई वाली भारतीय टीम सोमवार को अंडर 19 विश्वकप जीतने के बाद स्वदेश लौट आई। टीम का मुंबई के एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत हुआ। बीसीसीआई ने खिलाड़ियों को एक कार्यक्रम में सम्मानित किया। कार्यक्रम में कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान पृथ्वी शॉ ने प्रेस को संबोधित किया। इस दौरान कोच राहुल द्रविड़ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें बतौर खिलाड़ी विश्वकप नहीं जीत पाने का कोई मलाल नहीं हैं। द्रविड़ से पूछा गया कि क्या आप अब भी बतौर प्लेयर विश्वकप नहीं जीत पाने के बारे में सोचते हैं तो उन्होंने कहा, 'बतौर खिलाड़ी विश्वकप न जीत पाना अब मेरे लिए कोई दर्द की बात नहीं है। मुझे क्रिकेट से संन्यास लिए सालों गुजर गए है। ईमानदारी से कहूं तो मैंने इसके बारे में कभी नहीं सोचा। मैंने क्रिकेट के मैदान में बहुत लंबा वक्त गुजारा। मेरे करियर में विश्वकप न जीत पाने के अला