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लॉटरी में क‍िस्‍मत आजमाना चाहती है महाराष्‍ट्र सरकार

राजकुमार सिंह, मुंबई
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद से राज्य की तिजोरी पर बुरा असर पड़ा है। चालू वित्तीय वर्ष में सरकार ने कमाई का जो लक्ष्य निर्धारित किया था, वह पूरा होता नहीं दिख रहा है। ऐसे में सरकार छोटे-छोटे मदों से आय बढ़ाने पर जोर दे रही है, ताकि कमाई में आई कमी की भरपाई कर सके। लॉटरी भी उसी में से एक है।महाराष्ट्र को लॉटरी से महज 132 करोड़ रुपये की आय होती है। इसमें भी करीब 125 करोड़ रुपये की आय अन्य राज्यों की लॉटरी से होती है। मतलब, महाराष्ट्र सरकार को अपने राज्य की लॉटरी से सालाना महज 7 करोड़ रुपये की ही कमाई होती है। सरकार इसे बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रही है।

लॉटरी होगी ऑनलाइन
देश के कई राज्यों से निकलने वाली लॉटरी ऑनलाइन हो गई है, किंतु महाराष्ट्र में अभी भी पेपर वाली लॉटरी चलाई जाती है। अब राज्य सरकार ने तय किया है कि वह भी लॉटरी का कारोबार ऑनलाइन करेगी। इस संबंध में विभाग के प्रधान सचिव विजय कुमार गौतम कहते हैं कि महाराष्ट्र की लॉटरी ऑनलाइन करने के लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार के पास भेज दिया गया है। उम्मीद है कि नए वित्तीय वर्ष 2018-19 से राज्य की लॉटरी ऑनलाइन हो जाएगी। इससे लॉटरी के करोबार में पारदर्शिता आएगी और कारोबार सुलभ हो जाएगा।

किसान कर्जमाफी लॉटरी!
केरल सरकार जनहित योजनाओं और विकास योजनाओं के नाम से लॉटरी निकालती है। इससे केरल को सालभर में करीब 1300 करोड़ रुपये की आय होती है। इस पर लॉटरी विभाग में मंथन जारी है। लॉटरी से आय बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र सरकार भी केरल की तर्ज पर लॉटरी निकालना चाहती है। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि जलयुक्त शिवार, किसान कर्जमाफी जैसी अन्य जनहित की योजनाओं के नाम पर लॉटरी निकाल सकते हैं।

इसका फायदा यह होगा कि लोग योजनाओं को फायदा पहुंचाने के नाम पर लॉटरी खरीदेंगे। जिस योजना के नाम पर लॉटरी निकाली जाएगी, उससे होने वाली आय उस योजना पर खर्च की जाएगी। अधिकारी ने बताया कि इस तरह की योजनाओं को लागू करने में कुछ तकनीकी खामियां जरूर आएंगी, लेकिन सरकार ऐसी तकनीकी खामियों को दूर करने में सक्षम है। इस तरह की लॉटरी निकालने पर राज्य में लॉटरी के प्रति लोगों की धारणाएं भी बदलेंगी। सरकार का मानना है कि लोग समाज सेवा के नाम पर लॉटरी खरीदेंगे।

जीएसटी के कारण मटकों वालों की चांदी
महाराष्ट्र में लॉटरी पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है, जबकि दूसरे राज्यों की महाराष्ट्र में बिकने वाली लॉटरी पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है। लॉटरी पर जीएसटी ज्यादा लगाने से गैरकानूनी मटका का धंधा चलाने वालों को फायदा हो रहा है। इससे लॉटरी खरीदने वालों का झुकाव वेटिंग मटका पर चला गया है। इससे महाराष्ट्र सरकार परेशान है। सरकार इसका हल खोज रही है।

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