
यूनिवर्सल बेसिक स्कीम पर बहस चल रही है: वित्त सचिव
नई दिल्ली
फाइनैंस और एक्सपेंडिचर सेक्रटरी अशोक लवासा का कहना है कि रिफॉर्म के अगले दौर में बिना इजाजत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) वाले क्षेत्रों की संख्या बढ़ाई जा सकती है और साथ ही कुछ सेक्टर्स में इसकी सीमा में बढ़ोतरी हो सकती है। दीपशिखा सिकरवार और विनय पांडेको दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि इस सरकार का ध्यान योजनाओं पर अमल और उन्हें पूरा करने पर है:
यूनिवर्सल बेसिक इनकम (यूबीआई) पर आपकी क्या सोच है?
सब्सिडी को किस तरह से जरूरतमंद के हाथ में अच्छे ढंग से पहुंचाया जा सकता है, यूबीआई का अधिक लेना-देना इसी से है। इस पर विचार हो रहा है और अमल किया जाना चाहिए। इससे जुड़े सभी पक्षों को देखना चाहिए कि इसे किस तरह से एक योजना की शक्ल दी जा सकती है। एक्सपेंडिचर को बजट में काफी कम रखा गया है। यह जीडीपी का 12.7% है। यह कैसे होगा?
रियल टर्म में एक्सपेंडिचर बढ़ रहा है। 7-8 साल पहले हम