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देश

चाचा-भतीजा’ को अभी जेल में ही रहना होगा : कोर्ट

चाचा-भतीजा’ को अभी जेल में ही रहना होगा : कोर्ट

मुंबई महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता छगन भुजबल और उनके भतीजे समीर भुजबल को सोमवार को न्यायालय से उस समय भारी झटका लगा जब न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया। इन दोनों को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया है। समीर लोकसभा के पूर्व सांसद हैं। छगन भुजबल महाराष्ट्र के सार्वजिनक काम विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री रह चुके हैं। इन दोनों की जमानत याचिका को पीएमएलए कोर्ट के न्यायाधीश एम.एस आजमी ने खारिज किया। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से यह कयास लगाया जा रहा था कि अदालत उन्हें जमानत पर रिहा कर देगी। इस आशा का कारण यह था कि पिछले महीने ही उच्चतम न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी की जमानत पाने के लिए लगाई गई एक कठोर शर्त को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि यह 'मनमाना' तरीका है। यह शर्त इस कानून की धारा 45(1) में है और इसके बारे में उच्चतम न

नेत्रहीन मां ने बचाई बच्चे की जान !

कहते हैं मां अगर साथ हो तो मुश्किल से मुश्किल चीजें आसान हो जाती हैं। ऐसा ही कुछ हुआ तुषार पवार के साथ हुआ। दरअसल फरसाण गोदाम में जहां आग लगी, उसी से सटे एक घर में तुषार अपनी मां और भाई के साथ रहते हैं। हादसे के वक्त तुषार के भाई तेजस पवार काम पर गए थे, जबकि मां और तुषार सो रहे थे। आग लगने के बाद उठे धुएं और आसपास हो रही आवाज तुषार की मां के कानों तक पहुंची। मां ने घर में सो रहे तुषार को तुरंत उठाया और सही सलामत वहां से निकलने में सफल रहीं। तुषार के अनुसार वह पिछले 25 सालों से उस घर में रहते थे। हादसे से जिंदगी तो बच गई, लेकिन उनका घर हमेशा के लिए तबाह हो गया। घटना के बाद तुषार ने मां को अपने एक रिश्तेदार के यहां छोड़ आए, हालांकि अब वह लोग खुद कहां और कैसे रहेंगे? इस बारे में सोचकर परेशान हैं।

पोस्टमॉर्टम सेंटर के बाहर लगी रही कतार

हादसे की खबर मिलते ही लोग अपनों की सलामती सुनिश्चित करने के लिए राजावाड़ी अस्पताल की ओर दौड़े। चूंकि आग की चपेटों में आने के कारण लोग बुरी तरह जल गए थे, ऐसे में उनकी पहचान करना मुश्किल था। खबर लिखे जाने तक 10 शवों की पहचान की जा चुकी थी। 100 प्रतिशत तक जले दो शवों की पहचान नहीं हो सकी। शवों को लेने के लिए अस्पताल के बाहर परिजन और रिश्तेदारों की कतारें लगी रहीं। वहां उपस्थित लोगों ने बताया कि हादसे की चपेट में आने वाले अधिकतर लोग उत्तर प्रदेश से थे।

मिर्जा परिवार में छाया मातम

हादसे की खबर सुनते ही चेंबूर के मिर्जा परिवार में मातम छा गया। इस हृदयविदारक घटना में एक ही घर के दो जवान बेटों की दर्दनाक मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार नईम (18) और वसीम मिर्जा (24) दोनों फरसाण बनाने का काम करते थे। नम आंखों से नईम के पिता ने बताया कि उनके बेटे का शरीर इस कदर झुलस गया था कि उसे पहचानना मुश्किल था। घटना की खबर मिलते ही हम अस्पताल पहुंचे, जहां पहले मुझे मेरे भाई के बेटे का शव दिखाया गया। शव की शिनाख्त के बाद मुझे मेरे बेटे का शव दिखाया गया। डबडबाती आंखों से नसीम मिर्जा ने बताया कि नईम इतना अधिक जल गया था कि मैं खुद अपने बच्चे को नहीं पहचान नहीं कर पाया।
चेंबूर के विद्यार्थियों का कमाल, बिना मिट्टी की खेती

चेंबूर के विद्यार्थियों का कमाल, बिना मिट्टी की खेती

मुंबई बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के चलते कृषि क्षेत्र लगातार कम हो रहा है। ऐसे में मुंबई के एक विज्ञान प्रदर्शनी में दो विद्यार्थी ने बिना मिट्टी के खेती कर दिखाया है। अब इस प्रॉजेक्ट को राज्य के विज्ञान प्रदर्शनी के लिए चयन किया गया है।राज्य में किसान आत्महत्या एक ज्वलंत मुद्दा है। लगातार शहरीकरण और पानी की कमी के कारण खेती के लिए चुनौती निर्माण हुआ है। इसे देखते हुए चेंबूर के स्वामी मुक्तानंद हाईस्कूल के विद्यार्थी श्रुति नाले और अतीश खताल ने खेती ऊपर एक प्रोजेक्ट बनाने का निर्णय लिया। इसके बाद इन दोनों विद्यार्थियों ने बिना मिट्टी का उपयोग किए किस तरह से खेती की जा सकती है, उसके बारे में शिक्षकों से लेकर अपने अभिभावकों तक से चर्चा की। विद्यार्थियों का यह सुझाव भा गया। इसके बाद शिक्षिका संगीता क्षीरसागर व शिक्षक भानुदास गायकवाड ने विद्यार्थियों को बिना मिट्टी के खेती की प
गुजरात में कम अंतर की जीत का असर बीजेपी की राज्य सभा सीट पर

गुजरात में कम अंतर की जीत का असर बीजेपी की राज्य सभा सीट पर

नई दिल्ली गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी को जीत मिल गई है, लेकिन इस जीत के बाद भी पार्टी की राज्य सभा की सीटें कम हो जाएंगी। अगले साल मार्च में संसद के उच्च सदन में 50 नए सदस्य देश के 14 राज्यों से चुने जाएंगे। इनमें से 4 सीटें राज्य सभा की गुजरात के कोटे से हैं। 99 सीटों पर विधानसभा में जीत दर्ज करने के बाद अब 4 में से सिर्फ 2 ही सीटों पर बीजेपी का कब्जा रहेगा। बाकी दो सीटें कांग्रेस के खाते में जाएंगी।180 सीटों वाली गुजरात विधानसभा में 4 सीटें (36 विधायकों पर 1 राज्य सभा सीट) हैं। बीजेपी के 99 विधायक हैं और कांग्रेस के 79। इस गणना के आधार पर अब दोनों ही पार्टियों को 2 सीटें राज्य सभा में मिलने जा रही हैं। राज्यसभा की 4 सीटों पर गुजरात के चारों प्रतिनिधि अगले साल 2018 में रिटायर होने जा रहे हैं। अप्रैल में बीजेपी के 4 राज्य सभा सांसद अपना सत्र पूरा कर रिटायर होंगे। इनमें वित्त मंत
सौराष्ट्र और गांवों में पाटीदार बीजेपी से छिटके, शहरों में चला मोदी का जादू

सौराष्ट्र और गांवों में पाटीदार बीजेपी से छिटके, शहरों में चला मोदी का जादू

अहमदाबाद गुजरात चुनावों  में पाटीदारों ने अपना बड़ा प्रभाव छोड़ा है। बीजेपी को छठी बार राज्य में सत्ता पर काबिज होने से पाटीदार भले ही नहीं रोक पाए हों, लेकिन पार्टी की बड़ी जीत के मंसूबों को 99 पर लाकर जरूर छोड़ दिया। 52 सीटों पर पाटीदार समुदाय की 20 से अधिक फीसदी आबादी है, जहां बीजेपी ने 28 और कांग्रेस ने 23 सीटों पर जीत दर्ज की। एक निर्दलीय प्रत्याशी ने भी इन 50 में से 1 सीट पर जीत दर्ज की। 2012 में बीजेपी + ने 36 सीटें जीती थी और कांग्रेस ने 14, गुजरात परिवर्तन पार्टी ने 2 सीटों पर कब्जा जमाया था। स्पष्ट है कि कांग्रेस के लिए यहां से जरूर कुछ राहत की खबर आ रही है। सौराष्ट्र इलाके में कांग्रेस की शानदार परफॉर्मेंस (कांग्रेस 30, बीजेपी 23 और एनसीपी 1) में भी पाटीदारों की बड़ी भूमिका है। सौराष्ट्र इलाके में इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि कांग्रेस के प्रदर्शन के पीछे कुछ स्थानीय मु
ज्यादा वोट शेयर के बावजूद बीजेपी को क्यों मिलीं कम सीटें?

ज्यादा वोट शेयर के बावजूद बीजेपी को क्यों मिलीं कम सीटें?

अहमदाबाद गुजरात विधानसभा चुनाव जितना दिलचस्प रहा, उसके नतीजों से जुड़े आंकड़े भी उतने ही रोचक हैं। शहरी, ग्रामीण, आरक्षित और अनारक्षित सीटों के हिसाब से देखें या फिर क्षेत्रवार, सभी जगहों पर कांग्रेस और बीजेपी का वोट शेयर और सीटों का आंकड़ा एक अलग ही पैटर्न पेश कर रहा है। आमतौर पर चुनावों में ऐसा कम ही देखने को मिलता है। चुनाव में जीत दर्ज करने वाली बीजेपी का वोट शेयर कांग्रेस से काफी ज्यादा रहापूरे प्रदेश की बात की जाए तो बीजेपी को 49.1% वोट मिले जो 2012 में मिले 47.9% वोट से ज्यादा हैं और इसकी तुलना अगर 2014 के लोकसभा चुनाव में मिले 59.1% वोट शेयर से की जाए तो पार्टी को खासा नुकसान हुआ है। कांग्रेस ने भी पिछले चुनाव के मुकाबले अपना वोट शेयर बढ़ाया है। पांच साल पहले पार्टी को 38.9% वोट मिले थे, जो इस चुनाव में बढ़कर 41.4% हो गए। लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि उन इलाकों में भी बी

थाने में निकाह, मायके भेजकर दिया तलाक

नई दिल्ली रोहिणी कोर्ट ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तारी से राहत दी है, जिस पर पत्नी ने रेप का आरोप लगाया है। अग्रिम जमानत के लिए दायर याचिका में कहा गया है कि केस की एफआईआर के मुताबिक रेप की कथित घटना 13 मई की है। एफआईआर 15 जुलाई को दर्ज की गई। इससे साफ है कि सोची-समझी साजिश के तहत यह रिपोर्ट दर्ज कराई गई। आरोपी के मुताबिक उसकी पत्नी ने तलाकनामा भेजे जाने के बाद यह एफआईआर दर्ज कराई, जिससे उसे परेशान किया जा सके और पैसे वसूले जा सकें। उसने रेप के आरोप को झूठा बताते हुए यह भी दावा किया कि महिला ने धमकाते हुए उस पर शादी के लिए दबाव बनाया था। आरोपी की ओर से एडवोकेट सत्यनारायण शर्मा ने अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की। दलील दी गई कि दोनों पक्षों के बीच पैसों के लेनेदेन को लेकर विवाद चल रहा था, जिसके चलते उस पर और उसके भाई पर रेप, अननेचरल सेक्स और पॉक्सो ऐक्ट के प्रावधानों के तहत आरोप

यूपीः अब कुत्ते करेंगे शेरों की पहरेदारी

लखनऊ दुधवा नैशनल पार्क  को अब दो नए गार्ड मिलने जा रहे हैं। ये दो गार्ड हैं जर्मन शेफर्ड और बेल्जियन मेलिनोइस। एक साल के इन दोनों कुत्तों को खास ट्रेनिंग दी गई है कि जंगल के अपराधों के खिलाफ उन्हें कैसे काम करना है। इन दोनों कुत्तों और उन्हें संभालने वालों के साथ कुत्तों के दस्ते का एक गठन बनेगा। उत्तर प्रदेश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब जंगल की सुरक्षा के लिए कुत्तों के दस्ते का गठन किया जा रहा है। इस दस्ते के ठीक से काम करने के लिए कुत्तो के साथ उन्हें संभालने वालों को भी प्रशिक्षण  दिया गया है। कुत्तों को इस बात के लिए भी प्रशिक्षित किया गया है कि वह सिर्फ उन्हें संभालने वालों के हाथ से ही खाना खाएंगे। जंगल में किसी और का दिया और पड़ा हुआ कुछ भी नहीं खाएंगे। ऐसा उनकी सुरक्षा को देखते हुए किया गया है। दी गई खास ट्रेनिंग दोनों कुत्तों के साथ ही 11 अन्य कुत्तों को भी 9 महीने का प्