लोकल के टिकट के लिए यात्रियों पर ‘बोझ’, बुकिंग ‘सेवक’ की दोगुनी होगी कमाई
मुंबई
रेलवे ने अनारक्षित टिकटों की बिक्री के लिए दस साल पहले जनसाधारण टिकट बुकिंग सेवा (जेटीबीएस) नाम से एक योजना की शुरुआत की थी। जेटीबीसी स्कीम के तहत यात्री स्टेशन के बाहर भी एजेंट से टिकट खरीद सकता है, बदले में उसे प्रति यात्री 1 रुपया ज्यादा चुकाने होते थे। अब रेलवे ने जेटीबीएस एजेंटों की कमाई दोगुनी करने का फैसला किया है। यानी अब यात्री को प्रति यात्री एक टिकट पर 2 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे। यदि चर्चगेट से प्रभादेवी जाने के लिए मूल टिकट की कीमत 5 रुपये हैं, तो जेटीबीएस से यह टिकट 7 रुपये में खरीदना पड़ेगा।
डिमांड में हैं जेटीबीएस
मध्य रेलवे पर रोजाना औसतन 2.75 लाख लोकल ट्रेनों के टिकट बिकते हैं। मुंबई डिविजन में 350 टिकट एजेंट हैं। जेटीबीएस एजेंटों की वृद्धि के कारण अब बुकिंग खिड़कियां कम होने लगी हैं। रेलवे की ओर से भी मोबाइल टिकट और एटीवीएम को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह योजना