
भाईगीरी से आजादी, पर नई टेक्नॉलजी की दहशत
मुंबई : आजादी के बाद के सात दशकों में देश में बहुत कुछ बदला है, अपराधियों का अपराध करने का तरीका भी। चूंकि मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है, इसलिए विदेश में बैठे अंडरवर्ल्ड सरगनाओं और आतंकवादियों ने इस महानगर को हमेशा टारगेट किया। पिछले कई सालों में मुंबई में हुए बम धमाके व 26/11 का फिदायीन हमला सबसे बड़े उदाहरण हैं। 26/11 के बाद मुंबई में सुरक्षा तैयारियों का पूरा कायाकल्प कर दिया गया। अत्याधुनिक हथियार मंगाए गए। फोर्स-वन का गठन हुआ। एनएसजी का मुंबई में भी एक सेंटर खोला गया, बावजूद इसके इस 15 अगस्त को भी यह महानगर हाई अलर्ट पर है। महाराष्ट्र एटीएस के सबसे लंबे समय तक चीफ रहे और C-60 जैसी फोर्स के जनक के.पी रघुवंशी कहते हैं कि ‘आने वाले कल का क्राइम बहुत खतरनाक होने वाला है। मुंबई जैसे शहर में भविष्य का क्राइम टैक्नॉलजी क्रेंद्रित होगा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केंद्रित भी हो सकता है। अब तो